*लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव बनी सैनिक स्कूल की वाइस प्रिंसिपल: पिछले साल से लड़कियों का एडमिशन भी शुरू,गर्ल्स सेफ्टी पर फोकस।* 

*लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव बनी सैनिक स्कूल की वाइस प्रिंसिपल: पिछले साल से लड़कियों का एडमिशन भी शुरू,गर्ल्स सेफ्टी पर फोकस।* 

रिपोर्टर प्रकाश सोलंकी पीपलवास 

चित्तौड़गढ़। सैनिक स्कूल में लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव ने वाइस प्रिंसिपल के रूप में ज्वाइन किया। स्कूल के प्राचार्य कर्नल सौम्यव्रत धर और प्रशासनिक अधिकारी मेजर दीपक मलिक ने उन्हें स्कूल की जानकारी दी। पिछले साल से सैनिक स्कूल में बालिकाओं का भी एडमिशन शुरू हो गया है। ऐसे में सैनिक स्कूल के प्रबंधन की ओर से गर्ल्स सेफ्टी को लेकर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।स्कूल के जनसम्पर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि सैनिक स्कूल में वाइस प्रिंसिपल की पोस्ट खाली थी। पिछले साल के जैसे इस साल भी बालिकाओं का एडमिशन शुरू हो गया है। बालिकाओं के सेफ्टी और सुविधाओं को देखते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव ने वाइस प्रिंसिपल की पोस्ट पर ज्वॉइन किया। लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव ने 16 सितंबर, 2006 को आर्मी एजुकेशनल कोर में कमीशन प्राप्त किया। उन्होनें ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई से अपना सैन्य प्रशिक्षण हासिल किया। उन्होनें गुजरात विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया हैं । भारतीय सेना में नियुक्ति से पहले अधिकारी ने गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद में लेक्चरर और रिसर्च एसोसिएट के रूप में काम किया है। उन्होंने विभिन्न अनुदेशात्मक नियुक्तियों को संभाला है। लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव 2008 से 2011 तक भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में कोच रही हैं।रूसी भाषा की जानकार है लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीवास्तव लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीवास्तव रूसी भाषा की अच्छी जानकार हैं और उन्होंने भारत और विदेशों में विभिन्न संयुक्त अभ्यासों में भाग लिया है। उन्हें फील्ड प्रशिक्षण, प्रशासन, एजुकेशन और एकाउंट्स का विशेष अनुभव है। इसके साथ ही नवनियुक्त उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव ने विधिवत रूप से अपना कार्यभार ग्रहण किया। नवनियुक्त वाइस प्रिंसिपल ने विद्यालय की उपलब्धियों को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया। स्कूल के जनसम्पर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि पिछले साल 20 बालिकाओं का एडमिशन हुआ था और इस साल 10 और बालिकाओं का एडमिशन होना है। ऐसे में स्कूल में 30 बालिकाओं का एडमिशन होगा। गर्ल्स के लिए हॉस्टल भी इस साल बनकर रेडी हो जायेगा। गर्ल्स सेफ्टी को देखते हुए पिछले साल ही वाइस प्रिंसिपल नियुक्त की गई थी। अब उनका ट्रांसफर होने के कारण फिर से एक महिला को ही नियुक्त किया गया ताकि गर्ल्स अपनी बात खुल कर रख सकें।