*संविधान से लोगों का सेंटीमेंटल जुड़ा है:अ.जा. वि के राष्ट्रीय अध्यक्ष लिलोठिया बोले-आंदोलन को राजनीति से जोड़ना गलत है।*

रिपोर्टर प्रकाश सोलंकी पीपलवास
चित्तौड़गढ़। संविधान रक्षक अभियान से जुड़े लोग मिलने पहुंचे अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया संविधान रक्षक अभियान और गाड़ी लोहार समाज के प्रतिज्ञा दिवस को लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया चित्तौड़गढ़ आए । इस दौरान उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि केंद्र की सरकार सिर्फ RSS के विचारों पर काम कर रही है। वह हमारे संविधान को खत्म कर तानाशाह अंदाज में देश को चलाना चाहते हैं। संविधान से लोगों का सेंटीमेंटल जुड़ा हुआ है, इसीलिए राजनीति से हटकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाया जा रहा है। चित्तौड़गढ़ में आज गाड़िया लोहार समाज का प्रतिज्ञा दिवस है। इस दिन 6 अप्रैल 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने खुद चित्तौड़गढ़ पहुंचकर समाज को साथ दुर्ग पर चढ़ाई की थी और गाड़िया लोहार समाज की बरसों पुरानी प्रतिज्ञा को तुड़वाया था। इस दौरान देश के आठ अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री की शामिल थे। तब से इस दिन को गाड़िया लोहार समाज एक त्यौहार के रूप में सेलिब्रेट करता है। इसी में शामिल होने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया, एससी वित्त आयोग राजस्थान सरकार के चेयरमैन डॉ शंकर यादव चित्तौड़गढ़ पहुंचे। इस दौरान राजस्थान स्टेट कोऑर्डिनेटर देवेंद्र सालवी भी शामिल हुए। संविधान खत्म कर तानाशाह अंदाज में चलाना चाहते हैं देश राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा कि देश में संविधान रक्षक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में वे लोग जो संविधान में लिखे कानून के हिसाब से चलना चाहते हैं, उन्हें एनरोल करवाया जा रहा है। लोगों से जुड़ रहे हैं, अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है। यह अब एक आंदोलन बन चुका है। दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र की सरकार RSS की विचारधारा पर ही काम कर रही है। संविधान खत्म कर तानाशाह अंदाज में देश चलाना चाहते हैं हमारे देश में प्रजातंत्र मजबूत रही है, जहां सभी धर्म और वर्गों को बराबरी का सम्मान मिला है और यही हमारा संविधान है। जिसे आज केंद्र की सरकार पूरी तरह से खत्म कर रही है।पत्रकारों से बात करते हुए वेबसाइट के माध्यम से ले सकते हैं शपथ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को ईडी सीबीआई को आगे रखकर विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। विपक्ष की आवाज जिंदा रहेगी तो ही संविधान बचेगा। पूरे देश में 25 स्टेट के अनुसूचित विभाग के चेयरमैन इस अभियान में लगे हैं। स्टेट कोऑर्डिनेटर राजस्थान के रूप में देवेंद्र सालवी को नियुक्त किया गया है। वेबसाइट के माध्यम से जो भी लोग शपथ ले रहे हैं, उन्हें एक सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। जिसमें लिखा है कि मैं गर्व से कहता हूं कि मैं संविधान रख सकूं।लिखा है कि मैं गर्व से कहता हूं कि मैं संविधान रख सकूं।इस आंदोलन को राजनीति से जोड़ना गलत है उनसे यह पूछने पर कि चुनावी साल में इस आंदोलन के जरिए क्या एससी एसटी वर्ग को अपनी और आकर्षित किया जा रहा है? इस पर उन्होंने कहा कि इस अभियान को राजनीति से जोड़ना गलत है। लोगों का सेंटीमेंटल, इमोशन इससे जुड़ा हुआ है। जो कानून के दायरे में रहकर जीना चाहता है, संविधान के लिए जीना चाहता है, उनके लिए आंदोलन है। अगर इसे हम राजनीति से जोड़ेंगे तो आंदोलन प्रभावित होगा। इस अभियान का प्रारूप हमने राजनीति से अलग हटकर बनाया है। इसमें सिविल लोग जुड़ रहे हैं। आ आदमी को जोड़ा जा रहा है। यह सिर्फ एससी एसटी का नहीं, बल्कि हर युवा और खासकर महिलाओं के लिए है। जिन्हें संविधान में बराबर का हक मिलना चाहिए। सरकार एससी एसटी वर्ग को किनारे कर वन व्यवस्था लेकर काम कर रही है। एससी एसटी वर्ग को जितना गहलोत सरकार ने दिया, उतना किसी ने नहीं दिया उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा हर वर्ग का ध्यान रखा है और उसी के हिसाब से हमेशा बजट पेश किया है। अगर यह कहा जाए कि राजस्थान में सबसे सफल मुख्यमंत्री कौन है तो वह अशोक गहलोत है। उन्होंने गाडिया लोहार कल्याण बोर्ड की घोषणा की है। समाज को पहले 72 हजार रुपए सरकार देती थी छत रिपेयरिंग के लिए, लेकिन अब उसे बढ़ाकर एक लाख 20 हजार रुपए कर दिया गया है। रॉ मटेरियल के लिए पांच हजार रुपए से 10 हजार रुपए अब दिए जा रहे हैं। घुमंतू और अर्ध घुमंतु समाज के लिए 100 करोड़ रुपए उनके डेवलपमेंट के लिए घोषणा की है। मेरा मानना है कि आज तक इतना कुछ कभी किसी सरकार ने नहीं किया होगा।