मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार में जम्मू कश्मीर के विद्यार्थियों से मिले इस्लामिक स्कॉलर और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि
शंभूपुरा। खुद को कर बुलंद इतना कि खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है...। इकबाल के इस शेर के जरिए जम्मू एंड कश्मीर से आए इस्लामिक स्कॉलर, मोटीवेटर और कारवानी इस्लामी इंटरनेशनल के संस्थापक अध्यक्ष अल्लामा शेख गुलाम रसूल हामी ने विद्यार्थियों को जीवन में तरक्की करने के गुरु मंत्र बताएं।

मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार में जम्मू कश्मीर के विद्यार्थियों से मिले इस्लामिक स्कॉलर और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि।
संवाददाता पंडित मुकेश कुमार
शंभूपुरा। खुद को कर बुलंद इतना कि खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है...। इकबाल के इस शेर के जरिए जम्मू एंड कश्मीर से आए इस्लामिक स्कॉलर, मोटीवेटर और कारवानी इस्लामी इंटरनेशनल के संस्थापक अध्यक्ष अल्लामा शेख गुलाम रसूल हामी ने विद्यार्थियों को जीवन में तरक्की करने के गुरु मंत्र बताएं।
मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार में जम्मू एंड कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय इंटरेक्शन प्रोग्र्राम आयोजित किया गया। अंतिम दिन शनिवार को कार्यक्रम में वक्ताओं ने विद्यार्थियों को कई ऐसे गुरू मंत्र बताएं जिनको आत्मसात करके वे जीवन में बुलंदियों को छू सकते है। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अल्लामा शेख गुलाम रसूल हामी ने यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया के प्रति विद्यार्थियों का स्नेह और उनकी तारीफ करते हुए कहा कि जम्मू एंड कश्मीर के युवाओं के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जो काम गदिया जी ने किया, वह ओर कोई नहीं कर सकता। गदिया जी कश्मीरी युवाओं के लिए मसीहा है और जरूरतमंदों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करा रहे है। जम्मू एंड कश्मीर के एजुकेशन सिस्टम को ओर बेहतर करने की जरूरत है। शिक्षा के क्षेत्र में न केवल मेवाड़ यूनिवर्सिटी बल्कि सरकारी तंत्र को भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे यहां से उच्च शिक्षा लेकर नेकदिल इंसान बनकर निकले ताकि वह जब समाज में जाएं तो अपनी अलग पहचान बना सकें। इस मौके पर मुख्य अतिथि गुलाम रसूल हामी को कश्मीर में शांति और सद्भाव की स्थापना व शिक्षा के प्रचार-प्रसार करने के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया गया। वहीं उमर गुल, नेलोफर, शाह अफशाना आदि विद्यार्थियों ने भी शिक्षा के महत्व पर अपने विचार रखें।
कार्यक्रम में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि आतंकवाद से जूझ रहे जम्मू एंड कश्मीर के युवाओं के लिए शिक्षा की अलख जलाने का ख्याल मेरे मन में वर्ष 2012 में आया कि क्यों न वहां के युवाओं को बंदूक की बजाए कलम पकड़ाकर माहौल परिवर्तित किया जाएं और उन्हें देश की मुख्य धारा से जोड़ा जाएं। इसी उददे्श्य को ध्यान में रखते हुए मैने 100 से ज्यादा बार जम्मू एंड कश्मीर का दौरा किया और वहां के प्रतिष्ठित लोगों से बातचीत कर युवाओं को मेवाड़ यूनिवर्सिटी में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया। केंद्र सरकार की जम्मू एंड कश्मीर स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम के तहत युवाओं को उसका लाभ दिलाया गया, जिसका नतीजा यह है कि अब तक 3000 से ज्यादा विद्यार्थी विभिन्न कोर्स में उत्तरिण होकर प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल कम्पनियों और सरकारी उच्च पदों पर भी कार्यरत है। वर्तमान में यहां जम्मू एंड कश्मीर से 1000, 29 राज्यों और 24 देशो के विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे है। उन्होंने कश्मीर से आएं इस्लामिक स्कॉलर और अन्य संगठनों से अपील की कि वे जम्मू एंड कश्मीर के हर युवा को शिक्षा से जोड़ें ताकि हर घर में सुख और समृद्धि बढ़े। यूनिवर्सिटी की कोशिश है कि लड़कों के साथ लड़कियों को भी उच्च शिक्षित करते हुए समाज के हर तबके तक उच्च शिक्षा का उजाला पहुंचाया जा सकें। कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. (डॉ.) आलोक मिश्रा ने अभिभावदन करते हुए कहा कि युवाओं को अगर सहीं दिशा मिलें तो वह असंभव को भी संभव बना सकते है। कार्यक्रम का संचालन आलिया अब्दुल्ला और अतिथियों का आभार डॉ. लोकेश शर्मा ने जताया। कार्यक्रम के बाद अतिथियों ने जम्मू एंड कश्मीर के विद्यार्थियों और शिक्षकों से बात की और यूनिवर्सिटी स्थित म्यूजियम और सभी विभागों समेत यूनिवर्सिटी के विभिन्न आयामों का अवलोकन किया। कार्यक्रम से पूर्व जम्मू एंड कश्मीर के विद्यार्थियों ने मुख्य अतिथि को पुष्प भेंटकर भव्य स्वागत किया।
कार्यक्रम में मेवाड़ एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष गोविंद लाल गदिया, डॉ. आर. ए गुप्ता, जम्मू एंड कश्मीर से गुडविल संस्था के संस्थापक पीर गुलजार अहमद, सह-संस्थापक मौहम्मद जफर सनाई और अंजुमन मिलते इस्लामिया संस्थान चित्तौड़गढ़ के पदाधिकारी समेत मेवाड़ यूनिवर्सिटी के शिक्षकगण और विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।