भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि पहुंचे पहुंचे ग्वालियर दिनेश बौद्ध नारकोटिक्स आयुक्त को प्रस्तुत किया ज्ञापन

2008 से आंदोलन कर रहे सभी किसान व किसान पुत्रों का अफीम नीत 2023-24 में सुझाव व निवेदन है। 1. 1997-98 विभिन्न कारणों से काटे सभी अफीम पट्टे लुनी -चिरनी के बहाल किए जाएं जिससे तुर्की सहित अन्य देशों से पोस्ता का विदेशी आयात बंद हो सके। 2. हमने कभी भी सीपीएस पद्धति नहीं मांगा तो सीपीएस पद्धति को समाप्त किया जाए सीपीएस के बहाने निजी कंपनी को अफीम खेती ठेके पर देना देश व किसान दोनों के साथ धोखा है ,यदि सीपीएस देना जरूरी है तो निजी कंपनी को ठेके में नहीं देकर सरकारी उपक्रम स्थापित किया जाए और उन सभी किसानों को लाइसेंस दिया जाए जिनके परिजनों ने जीवन में कभी भी अफीम की खेती नहीं की है  3. अफीम का अंतरराष्ट्रीय मूल्य 100000 रूपया प्रति किलोग्राम है और किसान को 800 से 1200 ₹1500 से अधिक नहीं देने से मानसिक अवसाद पैदा होता है ,अतः अंतरराष्ट्रीय मानक मूल्य के आधार पर किसान को मूल्य दिया जाए। 4. डोडा चूरा अफीम फसल का बाय प्रोडक्ट जैसे गाय दूध देती है तो गाय गोबर भी देती है अतः डोडा चूरा सरकार ₹2000 प्रति किलोग्राम किसान से खरीद कर नए रिसर्च के माध्यम से औषधिय निर्माण बढ़ाया जाए। 5.मार्फीन अपारदर्शी और काल्पनिक कंटेंट है जो किसान के हाथ में नहीं प्रकृति पर निर्भर करता है इसकी आड़ में किसानों को आर्थिक रूप से लूटा जाता है अतः औसत आधार पर अफीम पट्टे दिए जाए। उपरोक्त सुझावों के अतिरिक्त 2015 से 2023 तक नारकोटिक्स विभाग की सीबीआई जांच की जाए क्योंकि सभी नहीं कुछ भ्रष्ट अधिकारियों नारकोटिक्स विभाग में रहकर सैकड़ों नहीं हजारों गरीब भोले अनपढ़ किसानों को आर्थिक रूप से लूटा है , लूट को बंद करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री महोदय से 2008 से 2023 तक संघर्ष कर रहे संघर्षी किसान व किसान पुत्रों को नारकोटिक्स विभाग की जमीनी हकीकत पर चर्चा करने हेतु समय दिया जाए।

भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि पहुंचे पहुंचे ग्वालियर दिनेश बौद्ध नारकोटिक्स आयुक्त को प्रस्तुत किया ज्ञापन

भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि पहुंचे पहुंचे ग्वालियर दिनेश बौद्ध नारकोटिक्स आयुक्त को प्रस्तुत किया ज्ञापन

संवाददाता मुकेश कुमार जोशी चित्तौड़गढ़ 

2008 से आंदोलन कर रहे सभी किसान व किसान पुत्रों का अफीम नीत 2023-24 में सुझाव व निवेदन है।

1. 1997-98 विभिन्न कारणों से काटे सभी अफीम पट्टे लुनी -चिरनी के बहाल किए जाएं जिससे तुर्की सहित अन्य देशों से पोस्ता का विदेशी आयात बंद हो सके।

2. हमने कभी भी सीपीएस पद्धति नहीं मांगा तो सीपीएस पद्धति को समाप्त किया जाए सीपीएस के बहाने निजी कंपनी को अफीम खेती ठेके पर देना देश व किसान दोनों के साथ धोखा है ,यदि सीपीएस देना जरूरी है तो निजी कंपनी को ठेके में नहीं देकर सरकारी उपक्रम स्थापित किया जाए और उन सभी किसानों को लाइसेंस दिया जाए जिनके परिजनों ने जीवन में कभी भी अफीम की खेती नहीं की है 

3. अफीम का अंतरराष्ट्रीय मूल्य 100000 रूपया प्रति किलोग्राम है और किसान को 800 से 1200 ₹1500 से अधिक नहीं देने से मानसिक अवसाद पैदा होता है ,अतः अंतरराष्ट्रीय मानक मूल्य के आधार पर किसान को मूल्य दिया जाए।

4. डोडा चूरा अफीम फसल का बाय प्रोडक्ट जैसे गाय दूध देती है तो गाय गोबर भी देती है अतः डोडा चूरा सरकार ₹2000 प्रति किलोग्राम किसान से खरीद कर नए रिसर्च के माध्यम से औषधिय निर्माण बढ़ाया जाए।

5.मार्फीन अपारदर्शी और काल्पनिक कंटेंट है जो किसान के हाथ में नहीं प्रकृति पर निर्भर करता है इसकी आड़ में किसानों को आर्थिक रूप से लूटा जाता है अतः औसत आधार पर अफीम पट्टे दिए जाए।

उपरोक्त सुझावों के अतिरिक्त 2015 से 2023 तक नारकोटिक्स विभाग की सीबीआई जांच की जाए क्योंकि सभी नहीं कुछ भ्रष्ट अधिकारियों नारकोटिक्स विभाग में रहकर सैकड़ों नहीं हजारों गरीब भोले अनपढ़ किसानों को आर्थिक रूप से लूटा है , लूट को बंद करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री महोदय से 2008 से 2023 तक संघर्ष कर रहे संघर्षी किसान व किसान पुत्रों को नारकोटिक्स विभाग की जमीनी हकीकत पर चर्चा करने हेतु समय दिया जाए।

 मांगीलाल मेघवाल बिलोट संरक्षक नरसिंह दास बैरागी राष्ट्रीय अध्यक्ष भेरूलाल चिकसी सचिव भोपाल सिंह चौहान महासचिव निर्भय राम आंजना जावरा अध्यक्ष जिला अध्यक्ष

भंवरलाल कुमावत रतलाम जिला अध्यक्ष रामचंद्र डांगी भगोर के रूप में किसान प्रतिनिधि उपस्थित हुए।

*मेक इन इंडिया मेड बाय किसान*

मांगीलाल मेघवाल बिलोट