नेहरु युवा केंद्र का युवा नेतृत्व सामुदायिक विकास प्रशिक्षण का दूसरा दिन भी रहा बहुत उपयोगी
भारत सरकार के युवा कार्यक्रम में खेल मंत्रालय की इकाई नेहरु युवा केंद्र चित्तौड़गढ़ की तरफ से युवा युवा नेतृत्व एवं सामुदायिक विकास का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जैन धर्मशाला परिसर में आरंभ होकर आज दूसरे दिन का समय भी प्रमुख चार बताओ द्वारा बहुत ही उपयोगी रहा।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के समन्वयक भरत शर्मा ने बताया कि स्वस्थ जीवन शैली एवं स्वस्थ शरीर के महत्व के बारे में युवाओं से विस्तार से चर्चा की तथा उन्होंने युवाओं को विभिन्न प्रकार के नशे एवं मोबाइल फोन तथा अन्य अन्य लोगों से दूर रहने तथा समाज को सुधार करने हेतु संकल्प बंद किया ।स्वास्थ्य विभाग से संबंधित जुड़े हुए विभिन्न प्रकार के असाध्य रोगों तथा उनके बचाव ही उपचार जैसी युक्तियों को बताते हुए उन्होंने स्वस्थ जीवन जीने के गुर सिखाए तथा वर्तमान समय में जारी महामारी एवं लंबे समय से चली आ रही एड्स के बारे में अवगत और जागरूक करते हुए बताया कि स्वस्थ जीवन हेतु विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित नहीं हो इस प्रकार हमारी जीवनशैली होनी चाहिए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के फील्ड ऑफिसर अभिषेक सोनी ने बताया कि वर्तमान समय में मेट्रो सिटी में वृद्धाश्रम की अधिकता होने तथा संस्कृति से संस्कारों के तिरोहित होने की प्रवृत्ति से समाज टूट रहा है तथा जो परिवार में वृद्ध जनों के द्वारा नवीन पीढ़ी को संस्कार मिलते हैं उनका अभाव परिलक्षित हो रहा है इसीलिए वर्तमान समय की पीढ़ियां कम मनोबल एवं कम विश्वास युक्त दृष्टिगत होती है अतः हमें परिवार की सबसे बड़ी कड़ी वृद्धजनों के पास अधिकतम समय व्यतीत करके उनसे संस्कार प्राप्त करना तथा जीवन की सही दिशा तय करना अपेक्षित है तथा वृद्धजन हेल्पलाइन नंबर 14567 है जिसके माध्यम से वृद्धजन अपनी समस्त प्रकार की समस्याओं का समाधान की सहायता प्राप्त कर सकते हैं। तथा पूर्व अनुभव के आधार पर इन्होंने नेहरू युवा केंद्र से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के रास्ते भी युवा पीढ़ी को बताएं।
पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मिट्ठू लाल रेबारी ने बताया कि लीडरशिप वैदिक काल से लेकर के मध्यकालीन तथा पुरातन कालीन के साथ-साथ वर्तमान समय में भी भारत के अंदर एवं विश्व के मानचित्र पर स्थित देशों के अंदर विभिन्न नेतृत्व करता जिन्होंने बहुआयामी तरीके से अपने अपने क्षेत्र में लीडरशिप का उदाहरण प्रस्तुत किया है जिसमें रामायण काल में हनुमान जी ने अपने आप में नेतृत्व किया उसी प्रकार मेवाड़ को सदैव आजाद रखने हेतु महाराणा प्रताप का अभूतपूर्व योगदान रहा और विश्व पटल पर अध्यात्म की लीडरशिप हेतु भारत के विवेकानंद ने भारत को रिप्रेजेंट किया तथा रेबारी ने बताया कि हर व्यक्ति के नाम में लीडरशिप का पहला अक्षर जुड़ा हुआ होता है जो अपने आप में लीडरशिप को प्रकट करता है। वक्ता के रूप में डॉ प्रहलाद शर्मा ने बताया कि व्यक्ति को नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए बहुआयामी व्यक्तित्व का विकास करना आवश्यक होता है जिसके साथ ही व्यक्ति में सामर्थ्य और स्किल का विकास होता है जिसके द्वारा समस्त कार्यों का निष्पादन किया जाता है।
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद जिला युवा अधिकारी सुमित यादव ने किया। इस अवसर पर प्रफुल्ल जायसवाल, श्वेता जैन, अनिल योगी, गोपाल शर्मा, लेखाकार कुलदीप प्रजापत सहित सहित शिविर के सभी 40 प्रतिभागी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पलक शर्मा ने किया।