*14 अप्रैल डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की 132 वी जयंती रैली समारोह आयोजित को लेकर आदरणीय थानाधिकारी महोदय चित्तौड़गढ़ सदर श्रीमान हीरेंद्र सिंह सौदा आपसे शिष्टाचार मुलाकात की।*

*14 अप्रैल डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की 132 वी जयंती रैली समारोह आयोजित को लेकर आदरणीय थानाधिकारी महोदय चित्तौड़गढ़ सदर श्रीमान हीरेंद्र सिंह सौदा आपसे शिष्टाचार मुलाकात की।*

रिपोर्टर प्रकाश सोलंकी पीपलवास 

चित्तौड़गढ़। 14 अप्रैल डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की 132 वी जयंती रैली समारोह आयोजित को लेकर आदरणीय थानाधिकारी महोदय चित्तौड़गढ़ सदर श्रीमान हीरेंद्र सिंह सौदा आपसे शिष्टाचार मुलाकात की, मुलाकात करते हुए । प्रकाश चंद्र मेघवाल, व प्रकाश सोलंकी पीपलवास, लाला भील, बालू प्रजापत रघुनाथपुरा थे, एवं संविधान निर्माता डा.भीमराव आंबेडकर जी की 132 वी जयंती रैली समारोह आयोजित को लेकर  निंबाहेड़ा तहसील व चित्तौड़गढ़ जिले में ढोल, नगाड़ों के साथ धूमधाम से मनाई जाएगी। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती के रैली समारोह आयोजित को रखने के लिए, आदरणीय थानाधिकार महोदय श्रीमान हीरेंद्र सिंह सौदा उन्होंने कहा की बाबा साहब भीमराव अंबेडकर संविधान निर्माता के साथ साथ प्रख्यात शिक्षाविद व समाज सुधारक भी थे। बाबा साहब ने अपना पूरा जीवन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संघर्ष में लगा दिया। और कहा कि बाबा साहब द्वारा किए गए कार्यों को कोई भी भुला नहीं सकता। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती में माता सावित्री बाई फुले, ज्योतिबा फुले, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, संविधान आदि की झांकी ने लोगो का मनमोह लिया। ढोल, नगाड़ों के साथ जयंती रैली समारोह आयोजित किया जाएगा, और 2023 में डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती कब है? हर साल, डॉ अंबेडकर जयंती की तारीख 14 अप्रैल को डॉ बी आर अंबेडकर के जन्मदिन के उपलक्ष्य में पड़ती है। इस दिन 2015 से पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश है। इस साल भीमराव जयंती शुक्रवार को है। इस वर्ष डॉ अंबेडकर जयंती 2023 उनकी 132वीं जयंती है। डॉ अंबेडकर जयंती का इतिहास और पृष्ठभूमि बाबासाहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर के समाज सुधारक के रूप में भारत में योगदान को याद करने के लिए अम्बेडकर जयंती देश भर में मनाई जाती है। जयंती हर साल 14 अप्रैल को मनाई जाती है। तारीख डॉ बीआर अंबेडकर के जन्मदिन का प्रतीक है । भीम जयंती पहली बार 1928 में पुणे में बीआर अंबेडकर के अनुयायियों में से एक, जनार्दन सदाशिव रणपिसाई द्वारा मनाई गई थी। डॉ. अंबेडकर की तरह, वह भी एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। तब से, इस दिन को डॉ अम्बेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को 25 भारतीय राज्यों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में भी मनाया जाता है। डॉ. अम्बेडकर जयंती अवकाश क्यों मनाया जाता है? डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती हर साल 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अम्बेडकर के सभी के लिए समान अधिकारों के लिए योगदान का सम्मान करने के लिए मनाई जाती है। जनार्दन सदाशित है। तारीख डॉ बीआर अंबेडकर के जन्मदिन का प्रतीक है। भीम जयंती पहली बार 1928 में पुणे में बीआर अंबेडकर के अनुयायियों में से एक, जनार्दन सदाशिव रणपिसाई द्वारा मनाई गई थी। डॉ. अंबेडकर की तरह, वह भी एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। तब से, इस दिन को डॉ अम्बेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को 25 भारतीय राज्यों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में भी मनाया जाता है। डॉ. अम्बेडकर जयंती अवकाश क्यों मनाया जाता है? डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती हर साल 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अम्बेडकर के सभी के लिए समान अधिकारों के लिए योगदान का सम्मान करने के लिए मनाई जाती है। जनार्दन सदाशिव रणपिसाई ने डॉ बीआर अंबेडकर की याद में जन्मदिन मनाने की परंपरा शुरू की। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता थे,जैसे डॉ बीआर अंबेडकर और उनके आगमन अनुयायियों में से एक। उन्होंने पहली बार भीम जयंती 1928 में पुणे में मनाई थी।