कई बार प्यार में धोखा खाने के बाद ने जाने कितने ही लड़के लड़कीयां गलत रास्ते पर या गलत व्यसन लेने लग जाते हैं या सुसाइड कर लेते हैं जन-जागरूकता के लिए लिखी गई कविता
चित्तौड़गढ़।मैंने कविता इसीलिए लिखना शुरू किया क्योंकि... मैं टूटी हई हूँ और मैं अपने दर्द को भुलाने के लिए कभी भी सिगरेट या शराब की शरण में नही गई !! मैंने कमरे की खिड़कियाँ और दरवाजे बंद किए, कोई पसंदीदा सा गाना लगाया और लिख डाली कोई कविता ! मेरी कविताएँ अपने भीतर समेटे होती हैं मेरी पीड़ाओं का सम्पूर्ण दस्तावेज, मेरी हर पराजय, मेरे हर आँसू और मेरी प्रत्येक व्यक्तिगत स्खलन दर्ज हैं मेरी इन कविताओं में !

कई बार प्यार में धोखा खाने के ने जाने कितने ही लड़के लड़कीयां गलत रास्ते पर या गलत व्यसन लेने लग जाते हैं या सुसाइड कर लेते हैं जन-जागरूकता के लिए लिखी गई कविता
कवियत्री -ऋषिका मीणा
चित्तौड़गढ़।मैंने कविता इसीलिए
लिखना शुरू किया
क्योंकि... मैं टूटी हई हूँ
और मैं अपने दर्द को
भुलाने के लिए कभी
भी सिगरेट या शराब की शरण में
नही गई !!
मैंने कमरे की खिड़कियाँ और
दरवाजे बंद किए,
कोई पसंदीदा सा गाना लगाया
और लिख डाली कोई कविता !
मेरी कविताएँ अपने भीतर
समेटे होती हैं मेरी पीड़ाओं
का सम्पूर्ण दस्तावेज,
मेरी हर पराजय, मेरे हर आँसू
और मेरी प्रत्येक व्यक्तिगत
स्खलन दर्ज हैं
मेरी इन कविताओं में !
मुझे मोहब्बत है सिर्फ
मेरी कविताओं से,
इनमे उस शख्स की स्वीकृति
भी है, उसका इनकार भी है,
उसके आलिंगन और उसके
चुम्बन के निशान भी है!
कविताओं में मैने उसके स्पर्श
को भी जिंदा रखा है,
उसके नर्म होंठ से ही सुनती हूँ मैं
अपनी कविताओं को,
वो आवाज
देता है इन कविताओं को!
जो छोड़ गए तो उन्हें भी
लिखा उनमें,
जब-जब वो करीब आए,
उन्हें शामिल किया कविता में,
पर मेरी कविता स्थाई बनी
रही, सिर्फ मेरी बनी रही !
मेरी कविताएँ श्रृंगारविहीन,
बेहद सरल शब्दों से बनी हैं,
जिसमे सामान्य सा दर्द,
जो हर प्रेमियों ने सहा, हो
लिखा गया है !
मेरे अधूरेपन को
पूरा करती हैं ये कविताएँ !
इसने ना मुझे कभी छोड़ा
ना दर्द दिया न पीड़ा दी,
एक उम्मीद दी कि
जब कोई नही होगा मेरे साथ
तो मैं रहूंगी,
मुझे रचते रहना तुम
अपने खाली समय में,
कभी-भी और कहीं भी !
मेरे जाने के बाद
किसी रूप में उस तक
पहुँचेगी मेरी लिखी
कविताएँ
और इस तरह कविताओं
का लिखा जाना सफल हो पाएगा !
मेरी कविताओं ने
मुझे कभी अकेली नही छोड़ा
जाने का वादा किया है,
मेरी मृत्यु के बाद भी
ये रहेंगी जीवित, मेरी
कुछ निशानियाँ
बचाएं रखेंगी चिरकाल तक,
अनंतकाल तक !!
रिशिका मीणा