दशा माता के महान पर्व को लेकर नाडोलिया गुर्जर बस्ती मैं दिखी माताएं बहने पूजा अर्चना करते,साथ ही बताई इस व्रत की महिमा

शक्ति और भक्ति त्याग और बलिदान कि पावन नगरी चित्तौड़गढ़ जिले के ना डोलिया गुर्जर बस्ती की माताएं बहने दिखीं पूजा-अर्चना करती दशा माता की तथा साथ ही जब ब्यूरो चीफ ने उनसे जानकारी ली तो उन्होंने बताई माता रानी की महिमा और व्रत से जुड़ी कई अनोखी बातें 

दशा माता के महान पर्व को लेकर नाडोलिया गुर्जर बस्ती मैं दिखी माताएं बहने पूजा अर्चना करते,साथ ही बताई इस व्रत की महिमा

ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़

शक्ति और भक्ति त्याग और बलिदान कि पावन नगरी चित्तौड़गढ़ जिले के ना डोलिया गुर्जर बस्ती की माताएं बहने दिखीं पूजा-अर्चना करती दशा माता की तथा साथ ही जब ब्यूरो चीफ ने उनसे जानकारी ली तो उन्होंने बताई माता रानी की महिमा और व्रत से जुड़ी कई अनोखी बातें 

प्राप्त जानकारी अनुसार दशा माता के महान पर्व को लेकर चित्तौड़गढ़ जिले के ना डोलिया गुर्जर बस्ती के माताएं बहने और सुबह से ही नहा धोकर नई वेशभूषा तथा गहने धारण कर पहुंची पूजा अर्चना करने तथा जब निहाल दैनिक समाचार पत्र ब्यूरो चीफ एम के जोशी ने उनसे पूछा इस व्रत की महिमा के बारे में तो वहां उपस्थित व्रत धारी महिलाओं ने जानकारी देते हुए बताया कि

दशा माता का व्रत घर परिवार के बिगड़े ग्रहों की दशा या परिस्थिति अनुकूल बनी रहे ऐसी कामना के साथ किया जाता है दशा माता यानी मां भगवती की पूजा और व्रत करके महिलाएं गले में डोरा पहनती है ताकि परिवार में सुख समृद्धि शांति सौभाग्य और धन-सपत्ति बनी रहे इसे सांपदा माता का डोरा भी कहते हैं

दशामाता नारी शक्ति का प्रतीक है उनकी सवारी ऊंट है माता अपने दाएं तथा बाएं हाथ में त्रिशूल और तलवार रखती है

इस प्रकार माताओं बहनों ने कई जानकारियां दी इस व्रत से जुड़ी और फिर वापस तल्लीन हो गई अपने व्रत को लेकर पूजा अर्चना करने में तथा साथ ही जय जयकारा लगाने लगी दशा माता रानी के नाम के