किसान कमेरा संविधान अधिकार यात्रा का प्रतापगढ़ में हुआ भव्य स्वागत*
दिनांक 15 फरवरी 2023 को किसान कमेरा संविधान अधिकार यात्रा का प्रतापगढ़ में प्रवेश होने पर सुहागपुरा में मंडल अध्यक्ष ईश्वर जी मालवीय एवं अन्य नेतागण एवं कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया
*किसान कमेरा संविधान अधिकार यात्रा का प्रतापगढ़ में हुआ भव्य स्वागत*
ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़
दिनांक 15 फरवरी 2023 को किसान कमेरा संविधान अधिकार यात्रा का प्रतापगढ़ में प्रवेश होने पर सुहागपुरा में मंडल अध्यक्ष ईश्वर जी मालवीय एवं अन्य नेतागण एवं कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया
उसके पश्चात प्रतापगढ़ पहुंचने पर गांधी चौराहे पर किसान नेता कमल सिंह गुर्जर एवं उदय लाल अहीर किसान नेता रामनारायण जाट नगर अध्यक्ष प्रतापगढ़ एवं देवसेना जिला अध्यक्ष सतीश गुर्जर एवं पदाधिकारियों ने किसान यात्रा में पधारे किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हिम्मत सिंह गुर्जर,धर्मेंद्र आचरा ताराराम मेहना,विनोद गुर्जर,मंगेश पंवार,और सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण तथा साथ में पधारे किसान नेताओं का स्वागत कर फुल मालाओं से लाद दिया उसके पश्चात गांव अमलावद में दिनेश डांगी के और किसानों ने स्वागत किया तथा क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बताया और आपस में चर्चा की इस अवसर पर हिम्मत सिंह गुर्जर ने किसानों को संगठित होकर अपने अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाने का आह्वान किया कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि देश को आजाद हुए 73 वर्ष हो चुके हैं लेकिन आज तक किसानों को अपने अधिकार प्राप्त नहीं हुए और वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा किसानों को बर्बाद करने के लिए तथा अपने उद्योग पति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए तीन कृषि लाने का दुस्साहस किया था जिस पर किसानों ने करीब 13 माह तक आंदोलन किया और मजबूरन सरकार को काले कानूनों को वापस लेने पड़े लेकिन केंद्र सरकार का संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ जो समझौता हुआ था वह आज तक लागू नहीं हुआ एमएसपी की मांग आज भी अधूरी है तथा बड़े दुर्भाग्य की बात है किसान की जिंसों का भाव किसान तय नहीं करता है
इस अवसर पर किसान नेता कमल सिंह गुर्जर ने कहा कि किसान बड़ी मेहनत और खर्चा लगाकर किसान जींस पैदा करता है लेकिन उसके भाव किसान तय नहीं करता है व्यापारी तय करता है लेकिन व्यापारी की छोटे से छोटी वस्तु के भाव व्यापारी स्वयं तय करता है और यही कारण है कि किसान अन्नदाता होते हुए भी कमजोर है तथा उसकी आर्थिक स्थिति दयनीय है और उसका जीवन स्तर भी आज तक सुधर नहीं पाया है उन्होंने उदाहरण देते हुवे कहा कि किसान दो से तीन महीने तक फसल को पानी देता है निराई गुड़ाई करता है खाद देता है तथा बच्चों से भी ज्यादा फसल की देखभाल कर सब्जियां और अन्य फसल पैदा करता है जिसको व्यापारीयो द्वारा औने पौने दाम में खरीदा जाता है और खरीद कर उसी माल को दुगनी,चारगुनी रेट में मार्केट में बेचा जाता है जिससे आमजन पर भारी बोझ पड़ता है और किसानों को अपनी जींस का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है यही सिस्टम में कमी है इस प्रकार की कमियां को दूर करना अति आवश्यक है सिस्टम की कमियों कारण किसान आगे नहीं बढ़ पा रहा है जब तक किसान अपने जिंसों के भाव स्वयं तय नहीं करेगा या जब तक किसानों की जिंसों के न्यूनतम मूल्य का निर्धारण नहीं होगा तब तक किसान समृद्ध नही हो सकता खुशहाल नही हो सकता आज खेती घाटे का धंधा बन चुका है और कोई भी किसान अपने बेटे को खेती का धंधा करवाना नही चाहता है और यही हालत रही तो देश में भारी संकट आ जायेगा
इस अवसर पर किसान नेता रामनारायण जाट ने कहा कि मैं पिछले करीब 10 वर्षो से आंदोलन कर रहा हूं और मैंने 1 साल तक जंतर मंतर पर धरना दिया और करीब 1 वर्ष तक चितोडगढ़ कलेक्टर पर धरना दिया और किसानों को अफीम के लाइसेंस दिलाएं लेकिन आज भी सरकार करीब 70 हजार किसानों को अफीम के लाइसेंस नहीं दे पाई जो पूर्व में थे और आज भी 80% जीवन रक्षक दवाइयां अमेरिका से आयात की जा रही है और अधिकांश दवाइयां अफीम से बन रही है और भारत अफीम उत्पादक देश है और यहां की अफीम सरकार के पास काफी मात्रा में पड़ी है और खराब हो रही है फिर भी भारत में दवाइयां नही बना रहे है मोटी रकम देकर बाहर से आयात की जा रही है अगर हिंदुस्तान के किसानों को अफीम के नए लाइसेंस दिए जाते है तो किसान और सरकार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और हिंदुस्तान में अफीम पैदा होने की अपार संभावना है तो किसानों को अधिक से अधिक लाइसेंस दिए जाए और विदेशों से आयात की जा रही दवाइयां पर रोक लगाकर देश में दवाइयां बनाई जाए ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके
इस अवसर पर धर्मेंद्र पचरा ताराराम विनोद गुर्जर मंगेश पवार सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण और सैंकड़ों किसान उपस्थित रहे