इस मिट्टी का दिया हुआ जीवन का, मधुर गीत मैं गाता हूंँ।

इस मिट्टी का दिया हुआ जीवन का, मधुर गीत मैं गाता हूंँ।

निहाल दैनिक समाचार पत्र / NDNEWS24X7

रिपोर्ट देवी लाल बैरवा जयपुर भारत

(गजल)

उस नशे में रोशनी बिखेरने के लिए अंधेरा आता हूंँ l

इस मिट्टी का दिया हुआ जीवन का 

मधुर गीत मैं गाता हूंँ।

राप्ती, भेरी, गंगा से बना है अनुभवी दिल!

बहते सन्नाटे में मुझे मादी नदी मिलती हूँ

नागबेली सड़कों पर गिरते तारे के साथ।

मै स्वर्गद्वारी मन्दिरमे सो जाती हूँ

यात्रा मेरे जीवन की ऊर्जा और आनंद है 

मैं मेरा हृदय सुगंध से सुशोभित हूँ।

प्रस्तुतकर्ता

लेखक साहित्यकार

भवानी न्यौपाने (भावना)

जिला -दाङ , प्रदेश -5

तुलसीपुर उपमहानगर पालिका तुलसीपुर ग लाइन दाङ

देश - नेपाल