बचपन बचाओ आंदोलन टीम ने भूपालसागर क्षेत्र में की कार्रवाई: दो ईंट भट्टों से 36 बाल श्रमिक और एक महिला बंधुआ श्रमिक को मुक्त करवाया

बचपन बचाओ आंदोलन टीम ने भूपालसागर क्षेत्र  में की कार्रवाई: दो ईंट भट्टों से 36 बाल श्रमिक  और एक महिला बंधुआ श्रमिक को मुक्त करवाया

निहाल दैनिक समाचार पत्र

कपासन ब्यूरो चीफ शोभा लाल जाट

29/3/2023।     एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने जिला पुलिस व चाइल्ड़लाइन की मदद से भूपालसागर क्षेत्र में दो ईंट भट्टों से 36 बाल श्रमिक और एक महिला बंधुआ श्रमिक को मुक्त करवाया। बुधवार अल सुबह इस कार्रवाई से खलबली मच गई। राज्य सरकार द्वारा बालश्रम व तस्करी की रोकथाम लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य भोजराजसिंह पदमपुरा ने बताया कि भूपालसागर थाना क्षेत्र के ईंट भट्टों में बच्चों से मजदूरी करवाने की सूचना बचपन बचाओ आंदोलन की टीम को मिली थी। इस पर एएचटी, सीविल राइट्स, पुलिस मुख्यालय, जयपुर के सहयोग व हस्तक्षेप से स्थानीय व जिला प्रशासन के साथ चाइल्ड लाइन टीम से सहयोग लिया गया।

भूपालसागर थाना क्षेत्र में उदयपुर रोड पर संचालित 2 ईंट भट्टों पर बुधवार सुबह करीब 6 बजे टीमें पहुंची। मौके से 36 बच्चों को बालश्रम करते हुए मुक्त करवाया। बच्चें ईंट बनाने का कार्य कर रहे थे। टीम ने उनके बात कर अपने संरक्षण में लिया। इनकी उम्र 4 से 17 वर्ष तक है। बताया गया कि भूपालसागर पुलिस ने दोनो ईंट भट्टों के संचालकों के विरूद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसी दौरान एक महिला बधं आ श्रमिक को भी मुक्त करवाया गया। उसकी शिकायत पर पुलिस ने अलग से मुकदमा दर्ज किया। कार्रवाई में विशेष किशोर पुलिस इकाई की नोडल अधिकारी एएसपी शहाना खानम, कपासन डीएसपी गीता चौधरी, बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक दीप बनर्जी, सुन्नद सिंह, परियोजना अधिकारी दीपक, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउन्डेशन से प्रोग्राम ऑफिसर भूपेंद्र गुर्जर, काउंसलर ललिता उपाध्याय, शोभा गर्ग, लीगल सहायक हिमानी नंदवाना, आउट रीचवर्कर सखाराम मेघवाल, दलजीत कौर चाइल्ड लाइन चित्तौड़गढ़ से काउंसलर करण वाल, टीम सदस्य बाबूलाल मेघवाल, ललित माली, गोपाल चावला, रूचिका शर्मा शामिल रहे।

बाल कल्याण समिति में जिला जज और किशोर न्याय बोर्ड अधिकारी भी पहुंचे

कार्रवाई के बाद टीम सभी बच्चों को लेकर चित्तौड़गढ़ में बाल कल्याण समिति कार्यालय पहुंची। अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल, सदस्य शिव दयाल लखावत व सीमा भारती गोस्वामी के समक्ष पेश किया। समिति ने अग्रिम कार्यवाही तक के लिए बच्चों को अस्थायी आश्रय दिलवाया। सूचना पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमी पुरोहित व किशोर न्याय बोर्ड की प्रिन्सीपल मजिस्ट्रेट रजनी कुमावत भी बाल कल्याण समिति कार्यालय पहुंचे। मामले की जानकारी लेते हुए बच्चों से भी बातचीत की। जिला परिषद बैठक में विधायक ने जताई कार्रवाई पर आपत्ति

दिन में जिला परिषद की साधारण सभा में कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने इस कार्रवाई पर सवाल भी उठाए । उनका कहना था कि वहां अधिकांश मजदूर प्रवासी लोग है। उनके साथ बच्चे होते ही है। अल सुबह 6 बजे कौनसा काम कर रहे थे। एनजीओ की कार्रवाई व मंशा की जांच होनी चाहिए। बिना माता पिता के अकेले बच्चों को उठा ले आए। जिला प्रमुख ने मामले की जांच व बच्चों के समुचित संरक्षण के लिए सीईओ से कहा ।

रात में दो शिफ्ट में काम कराते हैं, ज्यादातर बच्चे यूपी के

एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि भूपालसागर निवासी कालू पुत्र गणेश प्रजापत के तीन भटटों पर कार्रवाई के बाद प्रकरण दर्ज किया। पूछताछ में सामने आया कि यहां शाम 5 से रात 12 और रात 2 से सुबह 10 बजे तक दो शिफ्ट में कच्ची ईंटें बनवाने का काम करवाते हैं। मुक्त कराए गए अधिकांश बच्चे यूपी के हैं। इनमें 22 बालक व 14 बच्चियां है।