बचपन में बढ़ता खतरा: फिजिकल एक्टिविटी की कमी और खराब खानपान से बच्चों में हार्ट अटैक के मामले बढ़े
आज के दौर में फिजिकल एक्टिविटी की कमी और खराब खानपान बच्चों को बीमार बना रहा है। तभी तो छोटे-छोटे बच्चों के हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले आए दिन सुनने को मिलते हैं।

स्वास्थ्य संवाददाता | नई दिल्ली
आज की तेज़ रफ्तार और तकनीक-प्रधान जीवनशैली ने बच्चों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल दिया है। फिजिकल एक्टिविटी की भारी कमी, अनियमित दिनचर्या, और जंक फूड आधारित खानपान बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि अब छोटे बच्चों में भी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसे मामले सामने आ रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर की लत ने बच्चों की आउटडोर गतिविधियां लगभग खत्म कर दी हैं। खेलकूद की जगह अब स्क्रीन टाइम ने ले ली है, जिससे न सिर्फ उनका शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है, बल्कि हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
डॉ. अंशुल सक्सेना, कार्डियोलॉजिस्ट, का कहना है,
"बच्चों में बढ़ता मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और कम शारीरिक सक्रियता दिल की बीमारियों की प्रमुख वजह बनते जा रहे हैं। जो लक्षण पहले 40 की उम्र में दिखते थे, अब वो 14-15 साल के किशोरों में दिखने लगे हैं। यह बेहद चिंताजनक संकेत है।"
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 10 से 19 वर्ष की उम्र के बच्चों में
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30% से अधिक फिजिकल एक्टिविटी की अनुशंसित मात्रा पूरी नहीं कर पाते,
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25% से ज्यादा बच्चे मोटापे या अधिक वजन से ग्रस्त हैं,
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और 12% बच्चों में पहले से हृदय संबंधी जोखिम देखे गए हैं।
???? क्या है प्रमुख कारण?
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अत्यधिक फास्ट फूड, शुगर और फैट युक्त भोजन
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खेलकूद में भागीदारी की कमी
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स्कूल और होमवर्क का बढ़ता दबाव
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पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता की कमी
✔️ समाधान क्या है?
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रोजाना कम से कम 1 घंटा फिजिकल एक्टिविटी जरूरी
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जंक फूड की जगह घर का पौष्टिक खाना
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स्क्रीन टाइम को सीमित करना
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स्कूलों और घरों में हेल्थ एजुकेशन को बढ़ावा देना
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सालाना स्वास्थ्य जांच और बाल हृदय स्वास्थ्य की निगरानी