देश के हर ऐक नागरिक के लिए सुरक्षित ओर सुगम हो यात्रा  बालासोर रेल हादसे में, मृतको को दी श्रध्दांजलि---लापरवाही ना हों इस तरह ---ओजस्वी 

उडीसा के बालासोर में हूऐ भंयकर रेल टक्कर हादसे में मृतकों के प्रति भारतीय दलित साहित्य अकादमी चितोडगढ के जिलाध्यक्ष मदन सालवी ओजस्वी ने गहरा दूख प्रकट करते हूऐ लिखा कि यह हादसा लापरवाही का ही नतीजा है तथा सैकडों लोगो की मौत का जिम्मेदार कौन

देश के हर ऐक नागरिक के लिए सुरक्षित ओर सुगम हो यात्रा   बालासोर रेल हादसे में, मृतको को दी श्रध्दांजलि---लापरवाही ना हों इस तरह ---ओजस्वी 
देश के हर ऐक नागरिक के लिए सुरक्षित ओर सुगम हो यात्रा   बालासोर रेल हादसे में, मृतको को दी श्रध्दांजलि---लापरवाही ना हों इस तरह ---ओजस्वी 

देश के हर ऐक नागरिक के लिए सुरक्षित ओर सुगम हो यात्रा 

बालासोर रेल हादसे में, मृतको को दी श्रध्दांजलि---

लापरवाही ना हों इस तरह --- ---ओजस्वी 

चितोडगढ 6 जून

उडीसा के बालासोर में हूऐ भंयकर रेल टक्कर हादसे में मृतकों के प्रति भारतीय दलित साहित्य अकादमी चितोडगढ के जिलाध्यक्ष मदन सालवी ओजस्वी ने गहरा दूख प्रकट करते हूऐ लिखा कि यह हादसा लापरवाही का ही नतीजा है तथा सैकडों लोगो की मौत का जिम्मेदार कोन है?

इस हादसे के बाद अनेकों पिता अपने बेटों की लाश को ढूंढ रहे तो

अनेको बेटे अपने पिता की लाश , पडी हूई ,ढकी हूई अनेकों लाशों के ढेर में मुह से कपडा हटा हटा कर देख कर पहचान कर रहे है मगर अपनो की लाश पहचान नही पा रहे है।

ये वीभत्स मॅजर देखने वाला दिल कितना सॅहम चुके है!!

 करूण क्रन्दन ह्रदय विदारक, इस घटना को देखकर रूह कांप उठती है। इस हादसे पर ओजस्वी ने बताया कि सवाल तो अनेक हे

कोरोमंडल एक्सप्रेस रेल इतने बडे हादसे की शिकार केसे हो गई?

 पटरियो में कोई खामी पहले से थी या कोई साजिश?

    दूसरी ट्रेन को ट्रैक पर आने की इजाजत किसने दी, ट्रेन से ट्रेन टकराई तो अन्य ट्रेन आई केसे टकराने ? इस लापरवाही ओर इतने बडे हादसे,तथा मौतो का जिम्मेदार हे कोन?

क्या सभी गहरी नींद में अपनी ड्युटी कर रहे थे कि कोई भी टकराये, मरे, हम तो नींद में है?

आखिर ये हादसा भी लापरवाही का ही नतीजा ही रहा !!

ओजस्वी ने चेताया कि

देश के हर नागरिक के लिए यात्रा सुगम ओर सुरक्षित हो, किसी भी तरह से कोई भी लापरवाही ना हो तथा जिम्मेदारी बार बार याद दिलाई जाती रहे।

रेल्वे का जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारक नशे में तो नही रहता।

क्या गहरी नींद के समय वे मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी सभांल रहे होते है? इसे बराबर देखा जाता है?

इस हादसे पर हम सभी गहरा दूख व सॅवेदनाऐ प्रकट करते है।

मदन सालवी ओजस्वी 

जिलाध्यक्ष 

भारतीय दलित साहित्य अकादमी 

चितोडगढ राजस्थान 

6-6-2023