कृषि प्रसार कार्यकर्ताओं को मोटा अनाज के महत्व पर दिया प्रशिक्षण
बड़ी सादड़ी सहायक निर्देशक कृषि विस्तार कपासन द्वारा प्रसार कार्यकर्ताओं की मासिक बैठक एवं प्रशिक्षण का आयोजन किया जिसमें केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ रतन लाल सोलंकी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में 45 कृषि पर्यवेक्षक एवं सहायक कृषि अधिकारी जिले के विभिन्न पंचायत समिति कपासन, गंगरार, राशमी, एव भोपाल सागर से भाग लिया डॉ रतन लाल सोलंकी ने बताया कि जिले में मिलेटस फसलों के प्रदर्शन लगाए जाएंगे ताकि कृषकों को मोटे अनाज के बारे में जानकारी मिल सके

कृषि प्रसार कार्यकर्ताओं को मोटा अनाज के महत्व पर दिया प्रशिक्षण
पत्रकार राम सिंह मीणा रघुनाथपुरा/ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़
18मई
बड़ी सादड़ी सहायक निर्देशक कृषि विस्तार कपासन द्वारा प्रसार कार्यकर्ताओं की मासिक बैठक एवं प्रशिक्षण का आयोजन किया जिसमें केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ रतन लाल सोलंकी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में 45 कृषि पर्यवेक्षक एवं सहायक कृषि अधिकारी जिले के विभिन्न पंचायत समिति कपासन, गंगरार, राशमी, एव भोपाल सागर से भाग लिया डॉ रतन लाल सोलंकी ने बताया कि जिले में मिलेटस फसलों के प्रदर्शन लगाए जाएंगे ताकि कृषकों को मोटे अनाज के बारे में जानकारी मिल सके
एवं महिलाओं को घर के प्रत्येक सदस्य को पोषक थाली उपलब्ध करवानी चाहिए और इस प्रक्रिया में मोटे अनाज एवं महत्वपूर्ण कारक हो सकते हैं घर की महिलाएं दैनिक दिनचर्या में प्रयोग किए जाने वाले भोजन एवं अधिक से अधिक जानकारी का लाभ उठा सकें मिलेट्स की खेती के को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने श्री एन योजना का शुभारंभ किया गया ताकि हमारे किसानों को अनाज फसलों के अन्य विकल्प भी आसानी से मिल सके
बाजरा ज्वार जैसे अनाजों को किसी ना किसी रूप में अपने आहार में शामिल करना चाहिए ताकि शारीरिक रूप से ताकतवर बन सके साथ ही प्रचार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण में मृदा स्वास्थ्य हेतू जैविक खादों को बनाने एवं प्रयोग पर प्रकाश डाला एवं पौधे के आवश्यक पोषक तत्वों की जानकारी दी श्रीमती दीपा इंदौरिया ने बताया कि भोजन हमारे जीवन की का अभिन्न अंग है तथा पूर्णतया संतुलित एवं पोष्टिक होना चाहिए इसकी पौष्टिकता मेलिटस द्वारा बढ़ाई जा सकती है श्री राम जस खटिक , सहायक निदेशक कृषि विस्तार कपासन ने मासिक प्रशिक्षण एवं विभागीय गतिविधियों पर प्रकाश डाला एवं छोटे अनाज ज्वार, बाजरा, रागी, कांगनी का दैनिक जीवन में उपयोग एवं प्रसंस्करण के बारे में विशेष रूप से बताया गया दैनिक दिनचर्या को भोजन में चपाती अथवा रोटी का मुख्य स्थान है और विभिन्न तरह के अनाजों के आटे का प्रयोग कर रोटी का पौष्टिक मूल्य बढ़ा सकती है इससे कुपोषण पर नियंत्रण होगा ग्रामीण परिवेश के में कुपोषित की दर तेजी से कम होगी भोजन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है तथा पूर्णतया संतुलित एवं पोस्टिक होना चाहिए इसकी पौष्टिकता मेरिट द्वारा बढ़ाई जा सकती है इसके द्वारा कुपोषण नियंत्रण किया जा सकता है यह जानकारी चित्तौड़गढ़ कृषि विज्ञान केन्द्र वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रतनलाल जी सोलंकी ने दी