गांधीनगर महिला संगठन ने शहीद स्मारक पर पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

शम्भूपुरा। चित्तौडग़ढ़ गांधीनगर महिला संगठन कि सचिव भावना न्याती ने बताया कि हमारा देश पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों एवं उनके परिवारों के बलिदान का ऋणी है। 14 फरवरी एक ऐसी तारीख है, जिसकी याद भर से कई आंखें आज भी नम हो जाती है, उन परिवारों के लोग तो कम से कम इस तारीख को मरते दम तक नहीं भूल सकते

गांधीनगर महिला संगठन ने शहीद स्मारक पर पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

गांधीनगर महिला संगठन ने शहीद स्मारक पर पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

पत्रकार ओम जैन/ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़

शम्भूपुरा। चित्तौडग़ढ़ गांधीनगर महिला संगठन कि सचिव भावना न्याती ने बताया कि हमारा देश पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों एवं उनके परिवारों के बलिदान का ऋणी है। 14 फरवरी एक ऐसी तारीख है, जिसकी याद भर से कई आंखें आज भी नम हो जाती है, उन परिवारों के लोग तो कम से कम इस तारीख को मरते दम तक नहीं भूल सकते,

जिन्होंने इस दिन अपने घर के बेटों को खो दिया, जिन पत्नियों ने अपना सुहाग खो दिया। लीला कंवर पत्नी शहीद राजेंद्र सिंह चौहन ने कहा कि पुलवामा के हमले की संयुक्त राष्ट्र समेत पूरे विश्व ने निंदा की थी, साथ ही इसे भारत के लिए तीन दशक का सबसे भीषण आतंकी हमला बताया गया था, इस हमले में शहीद हुए देश के उन वीर सपूतों को तो वापस लाना संभव नहीं है, मगर कम से कम हम उन्हें याद कर उनकी शहादत को नमन तो कर ही सकते हैं।

कोकिला पूंगलीया , संगीता कलंत्री, सविता काबरा, अंगूर भंडारी ने पूरे स्मारक को दीपो से सजाया।

  राधिका पटवा, सुशीला शर्मा ने बताया कि सभी महिलाओं ने पुष्प अर्पित करके और दीप प्रज्वलित कर, दो मिनट का मौन धारण करके श्रद्धांजलि दी। काजल राजपूत, सुलेखा गुप्ता, रीना पटवा, इंदिरा खटीक, दुर्गा सालवी, निशा शर्मा ममता चौहान वंशिका शर्मा का विशेष सहयोग रहा। इस मौके पर गांधीनगर की प्रमुख महिलाएं मौजूद रही।