ख्वाबों में जब उसके आते, गम के आंसू पीती है, महीने उसे लगते साल के, रो रो कर वो जीती है

ख्वाबों में जब उसके आते, गम के आंसू पीती है, महीने उसे लगते साल के, रो रो कर वो जीती है

निहाल दैनिक समाचार  / NDNEWS24X7

 (कविता)

वो ख्वाबों की रानी पास नहीं दूर हमसे रहती है l

पल-पल हमें याद कर के दुःख हमेशा सहती है ll

पहली नज़र में हुआ प्यार हमको l

 दिल तड़पता कैसे बताएं तुझको ll 

कोसों दूर हमसे रहती फिर भी दिल के पास है l

मिल नहीं सकते हम, उसे मिलने की आस है ll 

जिसने हमें चाहा है वो मिलने का वादा किया l

जब याद आती हमे, धक धक धड़कता जिया ll 

जब संदेश हमारा जाता, मन ही मन बहुत मुस्कुराती है l

अपनों के संग है बेबस वो, लिख-लिख के समझाती है ll

ख्वाबों में जब उसके आते, गम के आंसू पीती है l

महीने उसे लगते साल के, रो रो कर वो जीती है ll

प्रस्तुतकर्ता

लेखक, गीतकार

देवी लाल बैरवा जयपुर राजस्थान

+919828102907