22 मार्च से लगेगा प्राचीन शक्तिपीठ मुलामाता का मेला: कलश यात्रा से होगी शुरूआत, 71 फीट लंबे पुतले के दहन के साथ होगा समापन

22 मार्च से लगेगा प्राचीन शक्तिपीठ मुलामाता का  मेला: कलश यात्रा से होगी शुरूआत, 71 फीट लंबे  पुतले के दहन के साथ होगा समापन

कस्बे के प्राचीन शक्ति पीठ मुला माता का चैत्र नवरात्रि का दस दिवसीय मेला 22 मार्च से शुरू होगा। मेला भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू होगा। समापन रावण के 71 फीट लंबे पुतले के दहन के साथ होगा। मेले की तैयारियां जारी हैं।

मूला माता ट्रस्ट के अध्यक्ष सत्यनारायण आचार्य ने बताया कि मेवाड़ महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 चेतनदास जी महाराज के सानिध्य में 22 मार्च को भव्य कलश यात्रा के साथ मेले की शुरुआत होगी। कलश यात्रा में 5551 कलश के साथ 121 घोड़े,11 डीजे साउंड, ओर बग्गी शामिल किए जाएंगे। कलश यात्रा गोपाल द्वारा से शुरू होकर कस्बे के मुख्य मार्गों से होती हुई मूला माता मंदिर पर पहुंचकर संपन्न होगी। कलश यात्रा और मेले में आमंत्रण के लिए ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा घर-घर पीले चावल वितरित किए जा रहे है। जिसमें निलोफर भुआ का सहयोग मिल रहा हैं। मेले में मेलार्थियों और श्रद्धालुओं के भोजन प्रसादी के लिए दस दिन तक महा भंडारा चलेगा।

22 मार्च को सांस्कृतिक संध्या का होगा आयोजन

मेले के दौरान 10 दिन अलग-अलग भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिसमें 22 मार्च को सांस्कृतिक संध्या, 23 मार्च को माया गुजरी एंड पार्टी बिजयनगर की भजन संध्या, 24 मार्च को बालूराम गाडरी ओर पार्टी की ओर से बगडावत का मंचन 25 मार्च को भजन गायक भरत सुथार जवारिया एंड पार्टी की ओर से भजन संध्या, 26 मार्च को भजन गायक प्रेम शंकर जाट चावंडिया की ओर से भजन संध्या, 27 और 28 मार्च को बगड़ावत का मंचन, 29 मार्च को भजन गायक गोपाल राव एंड पार्टी की ओर से भजन संध्या 30 मार्च को यश म्यूजिकल ग्रुप की राजस्थानी ऑर्केस्ट्रा नाइट और 31 मार्च भजन गायक भेरू बारेगाम की भजन संध्या आयोजित होगी। मेले का समापन 31 मार्च को मेले को भव्य आतिशबाजी और रावण के 71 फीट लंबे पुतले के दहन के साथ होगा।