शहीदों की पत्नियों से बदसलूकी, विरोध में पुलिस पर पथराव: भाजपा कार्यकर्ताओं ने बरसाए पत्थर, विधायक पुलिस के पैरों में लेटे
जयपुर में शहीदों की पत्नियों से बदसलूकी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव कर दिया। कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय से निकले तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान विधायक मदन दिलावर पुलिस जवानों के पैरों में लेट गए। बैरिकेड पार करने के प्रयास में प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के पैर में चोट लग गई। करीब ढाई घंटे के प्रदर्शन के बाद भाजपा नेता-कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दीं। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने विद्याधर नगर ले जाकर छोड़ दिया।
इससे पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने सभा भी की। प्रदर्शन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष डॉ राजेंद्र राठौड़, सांसद घनश्याम तिवाड़ी सहित कई नेता मौजूद रहे।
गुटबाजी सामने आई
प्रदर्शन के दौरान भाजपा में एक बार फिर गुटबाजी सामने आ गई। सांसद किरोड़ीलाल के समर्थकों ने 'सतीश पूनिया हाय-हाय' के नारे लगाए। वहीं पूनिया समर्थकों ने 'पूनिया जिंदाबाद' के नारे लगाए। किरोड़ी समर्थकों की नाराजगी इस बार को लेकर है कि बीजेपी संगठन ने दमदार तरीके से उनका साथ नहीं दिया। यह है मामला
पुलवामा के शहीदों की पत्नियां मंजू जाट, सुंदरी देवी, मधुबाला मीणा पिछले एक हफ्ते से कांग्रेस नेता सचिन पायलट के निवास के बाहर धरना दे रही थीं। पुलिस ने गुरुवार रात तीन बजे इन्हें जबरदस्ती धरनास्थल से उठाकर एंबुलेंस में उनके गांव पहुंचा दिया। भाजपा सांसद किरोड़ीलाल जब शुक्रवार को शहीदों की पत्नियों से मिलने जा रहे थे तो उन्हें रोक लिया गया। इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वीरांगनाओं की मांगें
पुलवामा शहीदों की पत्नियां मंजू जाट और सुंदरी देवी अपने देवर के लिए सरकारी नौकरी मांग रही हैं। सरकार का तर्क है कि देवर को सरकारी नौकरी देने का नियमों में प्रावधान नहीं है। शहीद हेमराज मीना की पत्नी की मांग है कि सांगोद चौराहे पर भी उनकी मूर्ति लगाई जाए। एक स्कूल का नामकरण शहीदों के नाम पर करें। शहीदों की पत्नियों ने अब बदसलूकी करने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई करने की मांग भी जोड़ ली है। फूड मिनिस्टर प्रताप सिंह खाचरियावास ने शनिवार को एसएमएस अस्पताल में भर्ती सांसद किरोड़ी लाल मीणा से मुलाकात की।
मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने शनिवार को एसएमएस अस्पताल में भर्ती सांसद किरोड़ीलाल मीणा से मुलाकात की। खाचरियावास ने किरोड़ी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। बता दें खाचरियावास ने मंत्री
शकुंतला रावत के साथ पायलट के बंगले के बाहर धरने पर भी किरोड़ी और वीरांगनाओं से मुलाकात करके उनकी मांगों पर सहमति जताई थी। दोनों मंत्रियों की मुलाकात के दो घंटे बाद ही सीएम गहलोत ने ट्वीट कर वीरांगनाओं की मांगों करे अनुचित ठहरा दिया था।
पायलट बोले- शहीदों की पत्नियों की बात सुननी चाहिए इससे पहले शुक्रवार शाम को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शहीदों की पत्नियों मुद्दे को लेकर सरकार और सीएम पर तंज कसा। उन्होंने कहा, 'शहीदों की पत्नियों सुना जाना चाहिए था, उनकी मांगों को मानना या नहीं मानना, बाद का मुद्दा है। जहां तक नौकरियों की बात है, किसी को एक-दो नौकरी देने से बदलाव आने वाला नहीं है।
पायलट ने कहा- 'मुझे नहीं लगता कि इसमें कांग्रेस, बीजेपी या जनता दल या इस प्रकार की बातें करनी चाहिए क्योंकि यह देश, एक दल का नहीं है, यह पूरे भारतवासियों का है। हमारी फौज पूरे देश की रक्षा करती है। हमारे सैनिक सरहद पर खड़े होकर गोली खा रहे हैं, गोली खाने को तैयार हैं; वे किसी जाति धर्म या विचारधारा के लिए नहीं पूरे देश के लिए खड़े हैं। उनके मान-सम्मान में कोई कमी नहीं आने देनी चाहिए और ऐसा लगना भी नहीं चाहिए। अगर कोई गलतफहमी है और मांगें ज्यादा हैं तो बैठकर समझाना था। तभी बेहतर समाधान निकल सकता था।'
संवेदनशीलता से शहीदों की पत्नियों की बातों को सुना जाना चाहिए था
पायलट ने कहा- 'आज भी मानता हूं कि कोई छोटी मोटी मांगें हैं, किसी की सड़क की है, चारदीवारी की है, मूर्ति की है उसे हम पूरा कर सकते हैं। क्योंकि देश में ऐसा मैसेज नहीं जाना चाहिए कि शहीदों की पत्नियों की बात हम सुनने को ही तैयार नहीं हैं।
बात को मानना अलग बात है लेकिन इसे सुनने में इगो सामने नहीं लाना चाहिए चाहे कोई भी व्यक्ति हों। शहीदों की पत्नियां मेरे घर आईं, वे भावुक थीं, उनकी बात को सुना।