देर रात तक निजी हॉस्पिटल में हंगामा: किडनी स्टोन के जगह बच्चेदानी का कर दिया ऑपरेशन,के' 11 लाख रुपए के मुआवजा पर लिया शव।
रिपोर्टर प्रकाश सोलंकी पीपलवास
चित्तौड़गढ़ | देर रात तक महिला की मौत होने पर एक निजी हॉस्पिटल में हंगामा चलता रहा। चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित एक निजी हॉस्पिटल में मंगलवार रात को हंगामा हो गया। इलाज करवाने आई एक महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। वहीं, महिला के परिजनों ने डॉक्टर पर गलत ऑपरेशन का आरोप लगाया और हंगामा कर दिया। हॉस्पिटल के बाहर सैकड़ों की तादात में लोग एकत्रित हो गए थे। सूचना मिलने पर सदर सीआई हरेंद्र सिंह सौदा सहित जाब्ता मौके पर पहुंचा। परिजनों ने कानूनी कार्रवाई के अलावा 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग की। पुलिस के सामने दोनों पक्षों की वार्ता लगभग रात के 11:30-11.45 बजे तक चली। हॉस्पिटल प्रशासन ने पीड़ित पक्ष को 11 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया, जिसके बाद मामला शांत हुआ।
रोता बिलखता महिला का पति राशमी निवासी हजारी गाडरी (35) पुत्र शंकर गाडरी अपनी पत्नी रतनी गाडरी (32) को लेकर चित्तौड़गढ़ शहर स्थित लक्ष्य हॉस्पिटल लेकर आया, जहां उसे किडनी स्टोन का ऑपरेशन करवाना था। 2 दिन पहले ही लड्ढा क्लीनिक से टेस्ट भी करवाया, जिसमें किडनी स्टोन का पता चला था। महिला को दर्द भी बहुत होता था। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर भी यही बोलकर ऑपरेशन के लिए लेकर गए लेकिन बच्चेदानी का ऑपरेशन कर दिया। इसके कुछ देर बाद ही महिला की मौत हो गई। महिला के मौत के बाद सभी डॉक्टर मौके से भाग निकले। हॉस्पिटल में हंगामा हो गया। पति हजारी गाडरी का कहना है कि मौत के बाद डॉक्टरों ने अचानक से कह दिया कि 1500 रुपए लो और यहां से अभी बॉडी लेकर चले जाओ। यह सुन कर परिजनों को गुस्सा आ गया। उसके बाद मौके पर पीड़ित ने अपने परिजनों और ग्रामीणों को मौके पर बुला लिया। रात करीब 9 बजे हंगामा शुरू हुआ, जो देर रात 11:45 तक चलता रहा। महिला के परिजन और ग्रामीण हॉस्पिटल के बाहर डटे रहे और कानूनी कार्रवाई के साथ मुआवजे की मांग करने लगे। सैकड़ों की तादाद में आई भीड़ को देखते हुए सदर थाना अधिकारी हरेंद्र सिंह सौदा मय जाब्ता मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों के बीच वार्ता शुरू हुई। पीड़ित पक्ष ने 25 लाख रुपए मुआवजा मांगा, जो 11 लाख रुपए में आकर फिक्स हुआ ऑपरेशन के लिए की थी 25 हजार रुपए की मांग पीड़ितों का कहना है कि इस ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल से 25 हजार रुपए की मांग की गई थी बदले में हजारी गाडरी केवल 15 हजार रुपए ही जमा कर पाया और 10 हजार रुपए जमा करना बाकी था। हजारी गाडरी ने बताया कि यह स्वाति सिंह, अशोक धाकड़, निधि जोशी और विकास आंजना इन चारों डॉक्टर ने मिलकर ऑपरेशन किया था। बात सिर्फ किडनी स्टोन की ही आई थी। वही, हॉस्पिटल मैनेजमेंट से डॉक्टर अशोक कुमार सोनी का कहना है कि महिला की ब्लीडिंग बहत ज्यादा हो रही थी। उसने बच्चेदानी को लेकर ही ऑपरेशन करने के लिए कहा था। दोपहर 2 बजे महिला को हॉस्पिटल लाया गया। शाम 4 बजे उसका ऑपरेशन शुरू हुआ। लेकिन लगभग 5:15 पर उसका बीपी बढ़ गया जो कंट्रोल नहीं हुआ और उसकी मौत हो गई। देर रात तक ऑपरेशन थिएटर में ही पड़ी रही महिला की लाश मौत के कई घंटे बाद भी चलती रही ऑपरेशन थिएटर की मशीन समाज के आशीष गाडरी ने बताया कि ऑपरेशन के पहले कई टेस्ट हुए थे, जिसमें मृतक रतनी बाई की हिमोग्लोबिन काफी कम थी, लेकिन ऑपरेशन के दौरान उसे पहले ब्लड भी नहीं चढ़ाया गया था। पीड़ित हजारी गाडरी देर रात तक रोता बिलखता रहा और लगातार कार्रवाई की मांग करता रहा। हंगामा की आशंका से पहले ही सभी डॉक्टर हॉस्पिटल से निकल गए। जब उन्हें बार बार फोन किया गया तो फोन भी नहीं उठाया। परिजनों ने ऑपरेशन थिएटर से शव को बाहर नहीं निकलने दिया। आश्चर्य की बात है कि मौत के कई घंटे बाद तक भी ऑपरेशन थिएटर में सभी मशीनें चल रही थी और ऑक्सीजन भी डेड बॉडी को दिया जा रहा था।