डेयरी एवं खाद्य महाविद्यालय में 5 दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम का समापन

उदयपुर भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय एवं डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के सयुंक्त तत्वाधान में सीताफल उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन 23 सितम्बर 2023 को हुआ। इस 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 21 प्रतिभागियों ने महाविद्यालय के प्रशिक्षण इकाइयों में अपना उद्यमिता कौशल उन्नत किया।

डेयरी एवं खाद्य महाविद्यालय में 5 दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम का समापन

डेयरी एवं खाद्य महाविद्यालय में 5 दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम का समापन

23 सितंबर

राम सिंह मीणा रघुनाथपुरा

उदयपुर भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय एवं डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के सयुंक्त तत्वाधान में सीताफल उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन 23 सितम्बर 2023 को हुआ। इस 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 21 प्रतिभागियों ने महाविद्यालय के प्रशिक्षण इकाइयों में अपना उद्यमिता कौशल उन्नत किया।

महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया की महाविद्यालय के द्वारा रोजगार परक शिक्षण के साथ साथ दुग्ध एवं खाद्य प्रसंस्करण और अभिनव दुग्ध एवं खाद्य उत्पाद के बारे में उद्यमियों को समय समय पर तकनीकी कौशल प्रदान किया जाता है। डॉ गुप्ता ने बताया की इसी क्रम में महाविद्यालय द्वारा सीताफल उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषकों एवं उद्यमियों का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के द्वारा स्व कौशल विकसित करना था। साथ ही उद्यमिता विकास हेतु सम्पूर्ण तकनीकी सहायता प्रदान की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन महाराणा प्रताप कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक एवं मिस इंडिया वर्ल्ड 2023 सुश्री नंदिनी गुप्ता द्वारा किया गया था।

कौशल विकास कार्यक्रम समन्वयक डॉ निकिता वधावन ने बताया की इसी वर्ष फरवरी में महाविद्यालय ने भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रायोजित सात दिवसीय उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किया था। उस कार्यक्रम में 23 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। महाविद्यालय के लिए यह अपार गौरव का विषय है की उन प्रतिभागियों में से कईने अपने उद्यम प्रारंभ कर दिए है तो कई करने के कगार पर है। डॉ वधावन का कहना था की उस सात दिवसीय उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के प्रतिभागियों का इस तरह से उद्यमियों में रूपांतरण सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय एवं महाविद्यालय के साझा उद्देश्य का सफल क्रियान्वयन है। यही वजह है की महाविद्यालय को 5 उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान की गयी है। महाविद्यालय ने आरंभिक तौर पर सीताफल प्रसंस्करण पर उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित कर एक नए महाअभियान की शुरुआत की है। कार्यक्रम के पहले दिन से ही प्रतिभागियों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ साथ प्रायोगिक ज्ञान दिया गया। इस हेतु महाविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न विशेषज्ञों को आमंत्रित कर प्रतिभागियों को विशिष्ट मार्गदर्शन प्रदान किया। गौरतलब है की इस कौशल विकास कार्यक्रम के कुछ प्रतिभागी सीताफल प्रसंस्करण का उद्यम लगा चुके है और वो यहाँ कौशल विकास एवं ज्ञान उन्नयन के साथ साथ आने वाली समस्याओं के निस्तारण के लिए विषय विशेषज्ञों से ज्ञान का अर्जन करने के उद्देश्य से आये थे । प्रतिभागियों को सीताफल का गूदा हाथो से एवं मशीन द्वारा निकाल कर दोनों तरीको के फायदे एवं नुकसान बताया गया। सीताफल का आइस्क्रीम एक प्रचलित एवं प्रसिद्ध उत्पाद है जिस पर काफी काम हो चुका है लेकिन उसकी कीमत आज भी ज्यादा है। इस कार्यक्रम में सीताफल के आइस्क्रीम की कीमत को कम करने के साथ उसकी निधानी आयु बढाने के तरीके भी बताये गए। इस कौशल विकास कार्यक्रम में एक नूतन

उत्पाद सीताफल का शरबत भी विकसित किया गया जिस पर महाविद्यालय में काफी समय से अनुसन्धान चल रहा था। जिला उद्योग केंद्र के श्री चोखाराम ने केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न ऋण योजनाओं के बारे में विस्तृत

जानकारी प्रदान करने के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय की ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया के बारे में बताया साथ ही प्रतिभागियों की लघु उद्योग स्थापना एवं अन्य विभिन्न जिज्ञासाओं को शांत किया । एमपीयूएटी उदयपुर के कुलपति माननीय डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा की यह बहुत ही हर्ष का विषय है की भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय ने डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अति उत्कृष्ट संसाधन और तकनीकी कौशल पर विश्वास जताते हुए महाविद्यालय को एक बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी प्रदान करी है। सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम जो की हमारी अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड है और डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने उन उद्यम एवं उद्यमियों को तकनीकी कौशल एवं सक्षमता प्रदान करने का बीड़ा उठाया है यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। महाविद्यालय ने भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रायोजित सात दिवसीय उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किया था। उस कौशल विकास कार्यक्रम की सफलता से प्रभावित होकर भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय ने महाविद्यालय को इस तरह के और कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान की है। यह विश्विद्यालय के लिए बहुत ही गौरव की बात है की डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय अब तकनिकी एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा के साथ साथ उद्यमिता कौशल विकास के उत्कृष्ट पथ पर अग्रगामी है। महाविद्यालय की स्थापना का ध्येय अब निश्चित रूप से सफलता के रथ पर आरुढ़ है। इस पांच दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम में राजस्थान के साथ साथ अन्य राज्यों के प्रतिभागियों की उपस्थिति बताती है की महाविद्यालय अब राज्य की सीमा से परे भी उद्यमिता कौशल विकास का महान कार्य कर रहा है। इस कार्यक्रम में कृषकों और बेरोजगार युवाओं के साथ साथ उद्यमियों का भी कौशल उन्नयन किया गया जो निश्चित रूप से रोजगार प्रदान करने के साथ जीवन स्तर भी बढ़ाएगा एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों में स्व-रोजगार की भावना का विकास करेगा।