मृत्यु भोज छोड़ो जागरूकता अभियान का आयोजन हूआ
गॅगरार में होने लगा हे जगह जगह जाग्रति अभियान बाल विवाह, अंधविश्वास आडम्बर रूढ़िवाद तथा मृत्युभोज, गॅगोज जेसी विनाशक परम्पराओं के खात्मे के लिए आगे आयें समाज सुधारक--- ओजस्वी

मृत्यु भोज छोड़ो जागरूकता अभियान का आयोजन हूआ
संवाददाता मुकेश कुमार जोशी चित्तौड़गढ़
गॅगरार में होने लगा हे जगह जगह जाग्रति अभियान
बाल विवाह, अंधविश्वास आडम्बर रूढ़िवाद तथा मृत्युभोज, गॅगोज जेसी विनाशक परम्पराओं के खात्मे के लिए आगे आयें समाज सुधारक--- ओजस्वी
चितोडगढ /गंगरार 20अगस्त
राजस्थान मृत्युभोज निषेध अधिनियम की पालना यदि जिम्मेदार लोग अभी तक करवाते तो हजारों हजारों लोगों की जमीन मकान नही बिकते, गरीब, कॅगाल, कर्जदार होकर गरीबी के दल दल में फॅसकर जीवन बर्बाद ना होता।
जिस मकान पर रहते है, जिस जमीन पर खेती करते है बिकती नही, बच्चो को बंधक श्रमिक होने को मजबूर ना होना पडता।
उक्त विचार आज मृरतुभोज छोडो अभियान के तहत रखे गये सेमिनार में जिले के वरिष्ठ साहित्यकार एवॅ समाज सुधारकर, चिंतक तथा जिला अध्यक्ष भारतीय दलित साहित्य अकादमी चितोडगढ बतोर मुख्य अतिथी के रूप में बोलते हूऐ बताया कि अभी तेजी से हर तरफ मृत्युभोज रोकथाम के लिए जन जागरण चल रहा है।
इस अभियान में अनेकों समाजो से प्रबुद्ध जन, समाज सुधारक, समाज सेवी, चिंतक, आदि जुडते जा रहे।
आयोजक अभियान , कौशल किसोर बिलवाल ने बताया कि
पहला दोर जन जागरण का है।
दूसरे दोर में राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम की पालना कड़ाई से होने लगेगी। जिस सामाजिक प्रथा से घर परिवार समाज गरीबी के दल दल में फॅसता हो हमें ऐसी परम्परा को त्यागने की जरूरत है। इस मुहिम का सभी जागरुक समाज सुधारक आगे आऐ तथा हिस्सा बनें।
जय भारत जय सॅविधान
मृत्युभोज छोडो अभियान
में भारत हूं
हम भारत के मतदाता
इस तरह के नारों के साथ सेमीनार को उर्जावान बनाते हूऐ अध्यक्षता कौशल किशोर बिलवाल व्याख्याता राजनीति विज्ञान ने मृत्युभोज होने वाले सामाजिक पतन पर बारिकी से परकाश डाला। विशिष्ट अतिथि नन्दलाल लाल बासनवाल उदयपुर, शम्भू लाल कोटवाल उदयपुर, नन्दलाल मरमट अमरगढ़ जिला भीलवाड़ा, बालुलाल बिलवाल गंगरार, भंवरलाल बिलवाल गंगरार सत्यनारायण निन्दरवाल चितौड़गढ़, मांगीलाल मेघवाल भदेसर,कैलाश बौद्ध सतपुड़ा, प्रदीप मेघवाल व इन्दमल मेघवाल कृपारामजी की खेड़ी ने की।
इस आयोजन में भंवरलाल बिलवाल गंगरार, माधवलाल धोबी सुवानिया गंगरार अजय रजक चितौड़गढ़,देवराज बमणावत चितौड़गढ़, राकेश गोवली चितौड़गढ़, नन्दलाल धोबी चितौड़गढ़, नन्दलाल धोबी अमरगढ़ भीलवाड़ा,प्रदीप मेघवाल निम्बाहेडा, मांगीलाल मेघवाल भदेसर, कैलाश बौद्ध सतपुड़ा, माधवलाल धोबी सुवानिया आदि ने प्रतिज्ञा लेकर मृत्युभोज न करने का संकल्प लिया।
वरिष्ठ नागरिक जन की उपस्थिती रही तथा पुरा समर्थन व सानिध्य मिला।
सभी जागरुक पदाधिकारीगण ने अपने विचार रखते हूए, मृत्युभोज से होने वाली दुर्दशा पर अनेकों घटनाओ का जिक्र किये। वही गरीबी का बहूत बडा कारण मृत्युभोज तथा समाजों के अंधविश्वास रूढ़िवाद आडम्बर में उलझे होना बताया।
उदयपुर चितोडगढ, भीलवाडा आदि जिलों से आये वास्तविक समाज सुधारको ने ,बताया कि समाज में वास्तविक समाज सुधारकर तथा विकाश की सोचने वाले को ही अध्यक्ष आदि पदाधिकारीगण बनाया जाऐ।
सभी उपस्थित गणमान्य नागरिकों ने जागरुक जन ने किसी की भी मृत्यु पर जीमण करने का विरोध जताया तथा ये बॅद हो के रहेगा, इसके लिए बहूत जल्द कारगर रणनीतिक तेयार की जा रही है।शपथ पत्र भर कर दिये गये कि ना तो मृत्युभोज में जाऐगेः ओर ना ही मृत्युभोज गॅगोग का खाना कभी नही खाऐगें।
इस तरह की जागरुकता घर परिवार समाज में प्रदेश में हर तरफ बढाऐगें।
राज्य स्तरीय इस सेमिनार में
भू-अभिलेख निरीक्षक कैलाश बिलवाल,एडवोकेट गोपालकृष्ण बिलवाल, राहुल, रोहित बिलवाल, अशोक कुमार मरमट बुरांस, विष्णु कुमार भोजराज उदयपुर, राकेश रजक चितौड़गढ़, देवराज चित्तौड़गढ़ आदि ने समाज सुधारवादी नारे लगाकर उपस्थिती दी है।
समाचार
मदन सालवी ओजस्वी
जिलाध्यक्ष
भारतीय दलित साहित्य अकादमी
चितोडगढ राजस्थान
20-8-2023