पालोद में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन
बड़ी सादड़ी उपखंड क्षेत्र के पालोद गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा हवन व पूर्णाहुति, स्वर्ण कलश आरोहण के साथ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ सोमवार को भव्य समापन हुआ

पालोद में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन
21जोडो, ने मंत्रोच्चार के साथ हवन में दि आहुतियां 21लाख,की स्वर्ण कलश की बोली स्वर्ण कलश आरोहण के साथ कालिका माता की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ समापन
राम सिंह मीणा रघुनाथपुरा
29मई
बड़ी सादड़ी उपखंड क्षेत्र के पालोद गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा हवन व पूर्णाहुति, स्वर्ण कलश आरोहण के साथ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ सोमवार को भव्य समापन हुआ
भागवत कथा के अंतिम दिन स्वामी सुदर्शनाचार्य द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का समापन करते हुए कृष्ण रुक्मणी विवाह के साथ कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया।
कथा समापन के दौरान कथावाचक स्वामी सुदर्शनाचार्य ने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही ।जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तों को बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का 7 दिनों तक सेवन करने से जीवन का उद्धार हो जाता है। वही इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं। सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र की विपत्ति में साथ दें, उसे अपने से नीचे रखने के बजाय समकक्ष बनाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मित्रता का अर्थ स्वार्थ नहीं बल्कि सहयोग और समर्पण होना चाहिए।
इस धार्मिक अनुष्ठान के अंतिम दिन स्वामी सुदर्शनाचार्य द्वारा भगवान कृष्ण की सर्वोपरि लीला श्री रासलीला, मथुरा गमन, दृष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंस वध ,कुब्जा उद्धार ,शिशुपाल वध, रुक्मणी विवाह, सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया। इस दौरान कथा में भजन गायन ने उपस्थित लोगों को भक्ति ताल व धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया।
सुंदर समाज के निर्माण के लिए युवाओं को किया प्रेरित, राष्ट्रभक्ति को मजबूत करने का किया आह्वावान
स्वामी सुदर्शनाचार्य द्वारा विगत 7 दिनों तक भगवान कृष्ण के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
आपको बता दें कि श्रीमद्भागवत महापुराण के सातों दिन 11 जोड़ों के साथ यज्ञ हवन किया गया। इसके साथ ही कथा के अंतिम दिन स्वर्ण कलश आरोहण के साथ विभिन्न भगवानों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। गौरतलब है कि प्रतिदिन कथा दोपहर 1 से शाम 6 बजे तक कथा का वाचन किया जा रहा है।
पालोद भागवत कार्यक्रम समापन हुआ जिसमें निम्न बोलिए लगाई गई
चारभुजा मंदिर के कलश की बोली 2121121 रुपैया रामलाल शर्मा पिता पन्नालाल शर्मा
अंबा माता मंदिर के कलश की बोली ₹552000 रामलाल पिता कना डांगी
महादेव मंदिर के कलश की बोली ₹230000 सोहन लाल पिता छोगालाल डांगी
शेष नारायण भगवान के मंदिर के कलश की बोली 151000 रुपैया सोहन लाल पिता उदा डांगी
शेष नारायण भगवान की मूर्ति स्थापना की बोली 121000 रुपैया शंकर पिता सवा डांगी
चारभुजा मंदिर के ध्वजा दंड की बोली ₹151000 सोहनलाल शर्मा पिता रामचंद्र शर्मा
अंबा माता मंदिर ध्वजा दंड की बोली नाथूलाल पिता गोटू डांगी
महादेव मंदिर ध्वजा दंड की बोली 80000 रुपैया रामेश्वर पिता मोती डांगी
शेष नारायण मंदिर बजट एंड की बोली 560५1 रुपैया धारा सिंह पिता कालू डांगी
विशाल महा प्रसादी का हुआ आयोजन
इस दौरान भागवत कथा में आसपास के गांव के अलावा दूध जरा से भी काफी संख्या में महिला पुरुष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। 7 दिनों तक इस कथा में पूरा वातावरण भक्ति में रहा। कथा की समाप्ति पर समस्त ग्राम वासियों द्वारा विशाल महा प्रसादी का आयोजन किया गया।आयोजन करता ग्राम वासियों द्वारा बताए गए कि लगभग 7 हजार लोगों ने स्नेह भोज के रूप में महां प्रसादी का प्रसाद ग्रहण किया।