सावित्रीबाई फुले के पुण्यतिथि पर किया उन्हे नमन ,बताया मां फुले को धन्य--- धन्य।
सामाजिक विकास तथा समाज से दकियानूसी विचारधारा को दूर करते हुए नारी, महिला शक्ति को अंधकार से बाहर निकालने की सोच रखने वाली महान मसीहा मां सावित्री बाई फुले की 126 पर
सावित्रीबाई फुले के पुण्यतिथि पर किया उन्हे नमन ,बताया मां फुले को धन्य--- धन्य।
चितौडगढ 10 मार्च
ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़
सामाजिक विकास तथा समाज से दकियानूसी विचारधारा को दूर करते हुए नारी, महिला शक्ति को अंधकार से बाहर निकालने की सोच रखने वाली महान मसीहा मां सावित्री बाई फुले की 126 प
वे महापरि निरवाण दिवस पर भारतीय बहुजन साहित्य अकादमी भारत के संरक्षक अध्यक्ष मदन सालवी ओजस्वी ने उनके जीवन को धन्य बताते हुए लिखा कि जब मां सावित्री बाई फुले बच्चों को शिक्षित करने और पढ़ाने का विचार करते हूऐ घर से निकलती तो रूढ़ीवादी पिछडी मानसिकता के लोग उन पर कीचड़ कूडा करकट फैक कर अपमानित करते रहे , गालियां देते एवं अपमानित करने में कोई कमी नहीं रखते, फिर भी उन्होंने अपने मकसद में पीछे नहीं रहकर महिलाओ को दकियानूसी विचारधारा ,अंधविश्वास से बाहर लाने के लिए बालिका शिक्षा का होना , शिक्षित होना बहुत आवश्यक है समझा गया। मां सावित्री बाई फुले ने बहुत ही मुसीबतों को सह कर भी विद्यालय खोलकर बालिकाओं को शिक्षित किया। आज भी ऐसी ही बेटी और बहनों का घर घर से जन्म हों। कीचड़ फेंकें या पत्थर प्रवाह नही करते हूऐ, महिलाओ को अंधविश्वास आडंबर रूढ़िवाद से दूर कर सकें।
मां सावित्रीबाई फुले का जीवन मानव समाज के विकाश में महान है ओर सदेव रहेगा बताते हूऐ , देश में करोडो लोगों ने उन्हे वास्तविक समाज सुधारक बताते हूऐ, उनके बताए, दिखाऐ मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
मदन सालवी ओजस्वी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारतीय बहूजन साहित्य अकादमिक भारत
चितौडगढ राजस्थान
10-3-2023