हम धूम धड़ाके से शादी तो कर लेते हैं लेकिन इस बात पर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं की हमारी अंधी कामना किसी पशु को अपना शिकार बना रही है
जबरदस्ती कृत्रिम गर्भधान करके घोड़ों की आबादी बढ़ाई जाती है, उसके बाद उनका इस्तेमाल कई इंसानों गतिविधियों के लिए किया जाता है और उनमें से ही एक शादी है। घोड़े पर बैठकर दूल्हे को लगता है वह शहंशाह है लेकिन असल में वह अंधी कमान से ग्रस्त और शोषक व्यक्ति है।

हम धूम धड़ाके से शादी तो कर लेते हैं लेकिन इस बात पर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं की हमारी अंधी कामना किसी पशु को अपना शिकार बना रही है
ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़
। जबरदस्ती कृत्रिम गर्भधान करके घोड़ों की आबादी बढ़ाई जाती है, उसके बाद उनका इस्तेमाल कई इंसानों गतिविधियों के लिए किया जाता है और उनमें से ही एक शादी है। घोड़े पर बैठकर दूल्हे को लगता है वह शहंशाह है लेकिन असल में वह अंधी कमान से ग्रस्त और शोषक व्यक्ति है।
घोड़ों की नाक,आँख, कान, पीठ हर जगह से उन्हें घेर दिया जाता है ताकि घोडा आकर्षक दिखे लेकिन उसके दर्द को कोई नहीं समझता है। घोडा, गधों को खींचने के लिए नहीं है उसमें भी पीड़ा, डर, सुख-दुःख, अपनापन जैसी भावनाएँ होती हैं लेकिन हमें तो अपने पैसों और अहंकार को बड़ा दिखाना होता है। घोड़ों को प्रशिक्षित करने के लिए इतनी यातनाएँ दी जाती हैं जिससे वह हमेशा डरा हुआ रहता है, जब छूटने की कोशिश करता है तो उसे मारा जाता है, उसके शरीर से भी अधिक वजनी रथ को खींचना पड़ता है। क्या घोडा सिर्फ कामनाओं को पूरा करने के लिए है या स्वतंत्र जिंदगी जीने के लिए। अपनी कामना की पूर्ति के लिए किसी भी पशु का शोषण न करें|