बांध की कैद से मुक्त हुआ बनास का पानी, गेट खोलकर की निकासी

बांध की कैद से मुक्त हुआ बनास का पानी, गेट खोलकर की निकासी

(दिलखुश टाटावत)
देवली। करीब 2 साल के अंतराल के बाद एक बार फिर बीसलपुर बांध पूर्ण जलभराव के आंकड़े को छू गया है। इसी के साथ ही बांध में आए अतिरिक्त पानी की बीसलपुर डैम के गेट खोलकर निकासी की गई। इस दौरान सैकड़ों लोग इस पल के गवाह रहे। बता दे कि इससे पहले 26 अगस्त 2022 को दो गेट  खोलकर पानी की निकासी की गई थी। इसके बाद फिर पानी की मात्रा व गेट की संख्या में परिवर्तन होता रहा। दरअसल शुक्रवार सुबह 8 बजे बीसलपुर बांध का जलस्तर आरएल 315.49 मीटर पहुंच गया। वहीं बांध में पानी की आवक को देखते हुए गुरुवार को ही परियोजना ने गेट खोलकर पानी निकासी करने की तैयारी कर ली थी। प्रशासन भी जान माल की सुरक्षा के लिए उपखंड अधिकारी मनोज कुमार मीणा, पुलिस उपअधीक्षक रामसिंह के मार्गदर्शन में बैठक हुई। इधर, शुक्रवार सुबह एक बार फिर खुशियों के गेट खुले सातवीं बार खुले। इस दौरान प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत, पूर्व कृषि मंत्री एवं पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. प्रभुलाल सैनी, जिला कलक्टर डॉ. सौम्या झा, परियोजना के अधीक्षण अभियंता वीएस सागर समेत अभियंताओं व अधिकारियों की मौजूदगी में बीसलपुर कंट्रोल रूम में सुबह पौने 11 बजे पूजा की गई। इसके बाद स्कॉडा सिस्टम के जरिए गेट नंबर 9 व 10 को एक-एक मीटर खोलकर पानी की निकासी की गई। इस दौरान बीसलपुर कंट्रोल रूम से लगातार सायरन बज रहा था। सायरन के माध्यम से डाउनस्ट्रीम बहाव क्षेत्र के लोगों को सचेत किया जा रहा था। वही गेट से पानी निकालने के क्षण को कैद करने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग बीसलपुर बांध क्षेत्र में अपने कैमरे लगाए मौजूद रहे। इस दरम्यान लगातार बारिश रही। लोगों की भीड़ को पुलिस ने नियंत्रित किया। इस दौरान देवली डीएसपी राम सिंह तहसीलदार वीरेंद्र सिंह शक्तावत पंचायत समिति विकास अधिकारी रानू इंकियना प्रभारी राजकुमार नायक समेत आसपास के थानों का जाप्ता मौजूद था।कई जिलों की लाइफलाइन है बीसलपुर परियोजना गौरतलब है कि टोंक समेत जयपुर, अजमेर जिलों की लाइफ लाइन कहा जाने वाला बीसलपुर बांध का कुल जलभराव 315.50 आरएल मीटर है। इसमें कुल पानी की भराव क्षमता 38.708 टीएमसी है। बीसलपुर बांध बनने के बाद पहली बार वर्ष 2004 में इसमें पानी रोका गया और पहली बार ही पूरा भर गया था। इसके बाद साल 2006, 2014, 2016 व 2019, 2022 में यह बांध पूरा भर गया था। गेट खुलना है पूर्ण भराव का प्रतीक उल्लेखनीय है कि क्षेत्र समेत प्रदेश के लोग बीसलपुर से अतिरिक्त पानी की निकासी को ही पूर्ण भराव का प्रतीक मानते हैं। हालांकि इससे पहले कई बार बीसलपुर बांध 315 या इसके आसपास के आंकड़े तक पहुंचा है। लेकिन जब तक गेटों से पानी की निकासी नहीं होती, तब तक लोग बीसलपुर बांध को पूरा भरा हुआ नहीं मानते।