देवली में तीन माह पहले हुए ब्लाइंड मर्डर का खुलासा, आरोपी शार्प शूटर व विकलांग

(दिलखुश टाटावत)
देवली। शहर के जयपुर रोड होटल सिद्धार्थ के समीप गत 20 दिसंबर को अज्ञात हमलावरों की ओर से एक युवक की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है और एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि उक्त गैंग के सदस्यों की ओर से कई थाना क्षेत्र में गंभीर वारदातें की गई है। वहीं देवली की यह वारदात भी अफीम बेचने के नाम पर की गई धोखाधड़ी की बदला स्वरूप की गई है। दरअसल यह धोखाधड़ी की वारदात अन्य व्यक्ति के साथ की गई थी। लेकिन बदला लेने के लिए उक्त गैंग के तीनों सदस्य 3 पिस्टल लेकर देवली आए। लिहाजा पूरा मामला सुपारी किलर से हत्या कराने का लग रहा है। देवली पुलिस उप अधीक्षक रामसिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को लेकर टोंक एसपी विकास सांगवान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोटाराम बेनीवाल के सुपरविजन में देवली थाना प्रभारी दौलत राम गुर्जर के नेतृत्व में टीम गठित की गई। प्रकरण के अनुसार गत 20 दिसंबर को पारिवादी संतोष कुमार पुत्र शक्ति सिंह उर्फ सिंगा निवासी पोल्याड़ा थाना दूनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई की। इसमें बताया कि गत 19 दिसंबर को वह अपने गांव पोल्याड़ा में थे। इस दौरान शाम करीब 6:30 बजे उनके पास इंस्टाग्राम पर कॉल आया। जिसमें बताया कि तीन जने देवली बस स्टैंड पर खड़े हैं। इससे पहले दोनों पक्षों की 10 से 12 दिन से व्हाट्सएप चैटिंग व इंस्टाग्राम पर बात हो रही थी।
बस स्टैंड पर खड़े उक्त तीनों लोगों को लेने के लिए संतोष कुमार, उसके जीजा कमल पुत्र रामनिवास कंजर निवासी घाड़ एवं वीरू पुत्र श्रीचंद कंजर निवासी पोल्याड़ा अपनी बलेनो का लेकर देवली बस स्टैंड पहुंचे। जहां फोन करने वाले तीनों लोगों को कार में बिठा लिया। इस दौरान दोनों पक्ष के लोग सामान्य बातचीत करते हुए चल रहे थे। वहीं होटल सिद्धार्थ के पास पहुंचने पर कार में गोली चलने की आवाज आई। यह गोली संतोष कंजर के कंधे पर लगी। इस बार संतोष और उसके दोस्त वीरू ने शार्प शूटर की पिस्टल छीन ली और नीचे उतरकर भाग गए। जबकि तीनों बदमाश कमल को कार सहित अपहरण कर ले गए। जिसकी बाद में मेहंदवास थाना क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस समय कार पुलिस ने जब्त कर ली थी, जो देवली थाने खड़ी है। तीनों लोगों की हत्या का था इरादा पुलिस उप अधीक्षक और थाना प्रभारी दौलतराम गुर्जर ने बताया कि अनुसंधान में सामने आया कि शूटर गैंग के तीनों सदस्य हथियारों से लैस थे। जिनका इरादा अफीम बेचने के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार बनाने वाले परिवादी पक्ष के तीनों लोगों को मौका पाकर हत्या करना था। एक पिस्टल मैगजीन निकलने एवं एक पिस्टल लॉक होने से फायर नहीं हो सका। जिसके चलते संतोष और वीरू बच गए।
आरोपी शार्प शूटर और पेैर से है विकलांग अधिकारियों ने बताया कि मामले में पुलिस ने आरोपी जसदीप उर्फ दीप पुत्र चरणजीत सिंह जाति जट सिख निवासी बाल छप्पर पुलिस थाना छप्पर जिला यमुनानगर हरियाणा को गिरफ्तार किया है। यह युवक शार्प शूटर है और अपने साथियों के साथ बड़े अपराधी के तौर पर पहचान बनाने एवं आसपास के क्षेत्र में लोगों में भय पैदा करने के लिए फायरिंग करने का आदी था। जिसने अपने साथियों के साथ पूर्व में हरनौल गांव जिला यमुनानगर व गांव निसिंग जिला करनाल में भी कुछ दिन के अंतराल में दो बार फायरिंग की थी। आरोपी एक पैर से विकलांग है। जबकि वह आर्टिफिशियल पैर से सामान्य व्यक्ति की तरह चल फिर सकता है। यहां तक कि वह दौड़ भी लगा सकता है। आरोपी जसदीप एक सड़क हादसे में अपना बाया पैर गवा चुका है। वही बचाव के तौर पर आर्टिफिशियल पैर को उपयोग में लेता है। थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस द्वारा पीछा करने या शक करने पर वह अपने आर्टिफिशियल पैर को हटाकर बैसाखिया पकड़ लेता है, ताकि पुलिस उसे पर शक नहीं कर सके।थाना प्रभारी के नेतृत्व में मिली सफलता उक्त प्रकरण के बाद थाना प्रभारी दौलतराम गुर्जर के नेतृत्व में साइबर सेल टोंक हेड कांस्टेबल राजेश, सेल के पुलिसकर्मी राजेश, देवली थाने के हेडकांस्टेबल अब्दुल वहाब, इस्माइल, जीतराम का सहयोग रहा है। पुलिस ने घटनास्थल समेत आसपास के 600 से अधिक कैमरों का विश्लेषण किया है। वही अपराध से पूर्व बदमाशों के ठहरने व वारदात को सुगम मनाने की रेकी की। फायरिंग करना इन बदमाशों के लिए आम बात है। अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।