बालानगर और सुपर गोल्ड सीताफल की सबसे ज्यादा डिमांड : फ्रूटिंग के बाद बिक्री पर है फोकस , ठेकेदारी या नीलामी से होगी बिक्री

बालानगर और सुपर गोल्ड सीताफल की सबसे ज्यादा डिमांड : फ्रूटिंग के बाद बिक्री पर है फोकस , ठेकेदारी या नीलामी से होगी बिक्री

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में लगे सीताफलों के पौधे , जिसमें तैयार किए जा रहे है 31 वैरायटी । चित्तौड़गढ़ में इस बार अच्छी बारिश के चलते फसलों की अच्छी पैदावार हुई है । सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में लगाए हुए सीताफलों के 31 वैरायटी के पौधों में इस बार अच्छी फ्रूटिंग हुई है । किसानों में मिठास के कारण बालानगर , पल्प ज्यादा होने के कारण सुपर गोल्ड की सबसे ज्यादा मांग रही है । फ्रूटिंग के बाद बाजारों में भी इन दोनों सीताफलों की अच्छी डिमांड आ रही है । सेंटर द्वारा रेडी किए पौधों में जो भी पौधे बच गए हैं , उन्हें फिर से ग्राफ्टेड बनाने की प्रक्रिया फरवरी महीने से शुरू कर दी जाएगी । फिलहाल सेंटर का फोकस अभी सीताफलों की बिक्री पर है । उप निदेशक उद्यान ( अनुसंधान ) राजाराम सुखवाल ने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में 3 सालों से सीताफल के 31 उन्नत किस्म को तैयार किया जा रहा था । इस साल पहली बार फ्रूटिंग होने वाली थी । अच्छी बारिश हमारा साथ दिया और पौधों में अच्छे फल लगे । इन फलों की बिक्री के लिए आगे की प्लानिंग की जा रही है । या तो इन फलों को ठेके पर दिया जाएगा या इनकी नीलामी की जाएगी और अगर ऐसा नहीं हुआ तो डेली बेसिस पर मंडी रेट पर इन्हें बेचा जाएगा । उम्मीद है कि फलों से राजस्व आय अच्छी ही होगी ।

बालानगर और सुपर गोल्ड है सबकी पसंद उपनिदेशक सुखवाल ने बताया कि चित्तौड़गढ़ में बालानगर वैरायटी की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है । बालानगर वैरायटी डाल पक होते हैं जो अपने आप ही पौधों में पकते हैं । चित्तौड़गढ़ दुर्ग में भी यही वैरायटी सभी जगह मिलती है और इसमें मिठास भी बहुत ज्यादा होती है । इसके अलावा ज्यादा पल्प होने के कारण सुपर गोल्ड को भी सब बहुत पसंद कर रहे हैं । सुपर गोल्ड का साइज भी बड़ा होता है और उसमें पल्प भी बहुत ज्यादा होता है । उसके अंदर के बीज भी लोगों को खाते समय ज्यादा परेशान नहीं करते , यही कारण है कि इन दोनों वैरायटियों को बहुत ज्यादा पसंद किया जा रहा है । इसके अलावा किसानों में भी यही दो वैरायटी सबसे ज्यादा प्रचलित हुई है । बचे हुए पौधों से रेडी करेंगे ग्राफ्टेड पौधे उन्होंने बताया कि हमने सीताफल के 4800 ग्राफ्टेड पौधे तैयार किए थे , उनमें से 4655 बिक चुके हैं और 100 हमारे पास बचे हैं । इसी तरह बीजू सीताफल 30328 पौधे रेडी किए थे , उनमें से 5835 बिके हैं और 24538 पौधे बचे हैं । अब इन बचे हुए पौधों में हम दोबारा फरवरी महीने से ग्राफ्टेड करना शुरू कर देंगे । सेंटर पर लग रहे मदर प्लांट के फलों के बीजों से हम और भी नए पौधे तैयार करेंगे । जिन दो पौधों के सबसे ज्यादा डिमांड हो रही है , उनको उनके पौधे ज्यादा रेडी किए जाएंगे ।