प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का उठाएं लाभ अधिकाधिक। असंगठित श्रणी के सभी श्रमिक करवाएं अपना पंजीयन निशुल्क । जुड़े भारत सरकार की योजनाओं से ,कवर है इसमें इंश्योरेंस पॉलिसी।

भवन निर्माण एवं नरेगा श्रमिक करवाएं अपना पंजीयन और उठाएं सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ । किसी भी निर्माण कार्य का 1% प्रतिशत राशी उपकर सेस के रूप में कराए जमा , श्रम विभाग के उपकर मद में। कोई भी नियोजक नहीं करवाएं बाल श्रमिकों से बाल श्रम।
चित्तौड़गढ़ 8 अक्टूबर।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना के तहत भारत सरकार द्वारा असंगठित श्रेणी के तथा सामाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 के तहत श्रमिकों को वृद्धावस्था पेंशन सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से श्रम योगी मानधन पेंशन योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत असंगठित श्रेणी के सभी कामगार जैसे गली में फेरी लगाने वाले ,मिड डे मील श्रमिक, सिर पर बोझा ढोने वाले, ईट भट्टा पर काम करने वाले मजदूर ,कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, मोची, ग्रामीण मजदूर ,ग्रामीण भूमिहीन श्रमिक, हाथ करधा मजदूर, चमड़ा उद्योग मजदूर ,श्रमिक आदि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना से जुड़ कर लाभ उठा सकते हैं । ई श्रम पंजीयन योजना में जो कोई भी असंगठित श्रमिक हों वह जिनकी उम्र 16 से 59 साल हों तथा आयकर नहीं देते हो एवं ई एस आई सदस्य नहीं हो, जो कोई कुली, मिड डे मील, कोरियर सेवा, आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आदि हेतु सीएससी सेंटर पर जाकर निशुल्क पॅजीयन करवा सकते हैं। इसमें से 1 वर्ष के लिए दुर्घटना बीमा तथा पूर्ण दिव्यांगता पर दो लाख तक का इंश्योरेंस एवं रोजगार के अवसर से जुड़ जाना होता है। सभी जिलों में कोई भी असंगठित श्रेणी का कामगार श्रम कार्ड पंजीयन से वंचित नहीं रहे। इस कार्ड से श्रमिक की पहचान के साथ-साथ भारत सरकार की योजना के लाभ से जुड़ जाना होता है । भवन निर्माण एवं नरेगा श्रमिक अपना पंजीयन कराकर, उठाएं विभिन्न प्रकार की योजनाओं का जागरूकता से लाभ । कोई भी श्रमिक भवन निर्माण एवं नरेगा श्रमिकों तथा जिनकी उम्र 18 से 59 साल के बीच हुए अपना श्रमिक पंजीयन करा सकते हैं और विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं अपना पंजीयन e-mitra से संबंधित प्रपत्रों के साथ ऑनलाइन कराने पर जांच में पात्र मजदूर पाए जाने पर श्रमिक का पंजीयन के बाद समय-समय पर योजनाओं आदि में आवेदन करने पर सत्यापन बाद लाभ के हकदार होते हैं। उपकर सेस जमा कराने के तहत आवासिय भवन निर्माण पर दस लाख की लागत से उपर निर्माण कार्य का 1% राशि उपकर शेष के रूप में जमा कराया जाना आवशयक हे। अन्य भवन जो कि व्यवसायिक हो या अन्य भवन के निर्माण पर एक प्रतिशत राशी उपकर सेस के रूप में जमा कराना आवश्यक है।
बंधक श्रम मुक्त हो हमारा जिला--- बंधक श्रम मुक्ती के लिए राजस्थान सरकार द्वारा बंधक श्रम उन्मूलन प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास के लिए , मुक्त कराए गये श्रमिको के लिए अधिनियम की धारा 21 के अंतर्गत जिला स्तर पर एवं उपखंड स्तर पर सतर्कता समितियों का गठन किया जाता है।
बंधक श्रमिक के रूप में किसी भी रखा जाना संज्ञय अपराध की श्रेणी में आता है। जिले में बॅधक श्रम मुक्त कराने, एवं पुनर्वास के प्रयास एवं कार्यवाही की जाती है। विशेष रूप से ईंट भट्टा ,पत्थर की खदानों ,होटलों, ढाबों, कारखानों, आदि पर विशेष निगरानी एवं सर्वे कराते हुए अधिनियम के तहत बंधक श्रमिक पाए जाने पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर बंधक श्रम मुक्त किया जाता है। साथी कोई भी नियोजक कहीं भी बालकों से बाल मजदूरी नहीं कराए। बाल श्रम एक अपराध के साथ-साथ सामाजिक बुराई भी है। गरीबी के कारण अनेक परिवार अपने बच्चों को समय पर पढ़ाई लिखाई नहीं करा कर बाल श्रम के लिए भेज देना सामाजिक रूप से बच्चों के विकास को रोका जाना है ।वहीं बाल श्रम की रोकथाम हेतु भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखानों खदानों जोखिम पूर्ण व्यवसाय में नियोजन पर लगाना प्रतिबंध किया गया है ।बाल श्रम की रोकथाम हेतु सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग, बाल अधिकारिता विभाग, मानव तस्करी युनिट, पुलिस प्रशासन,तथा श्रम विभाग, चाइल्ड लाइन, बाल कल्याण समिति, आदि के संयुक्त तत्वाधान में बाल श्रम की रोकथाम हेतु 14 वर्ष के बालक बालिकाओं तथा धारा 31 के तहत 14 से 18 वर्ष तक के बालकों को जोखिम पूर्ण कार्यों में नियोजन पर प्रतिबंधित किया गया है। ऐसा कहीं भी पाए जाने पर नियोजक को दोषी माना जाकर उसे 6 माह से 2 वर्ष तक का कारावास एवं बीस हजार से पचास हजार तक का जुर्माने से दंडित किया जा सकता है ।कोई भी नियोजक अपने यहां किसी भी बालक बालिका से बाल श्रम नही कराऐ। ऐसा पाऐ जाने पर कानूनी कार्रवाई संभव है ।
मदन सालवी ओजस्वी
अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी
941 345 9688
95888 -32673